वाराणसी ,29 अक्टूबर। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 7 साल पुराने अन्याय प्रतिकार यात्रा मामले में शुक्रवार को ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया।
जस्टिस सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरोपी को अग्रिम जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं उनके वकील ने निचली अदालत के आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है।
वहीं इस मामले के एक अन्य आरोपी महंत बालक दास ने भी जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी। जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में डीजीसी आलोक चंद्र शुक्ला ने केस डायरी व अन्य दस्तावेजों के अभाव में समय की मांग की।
इस पर आरोपी बालक दास के वकील ने तब तक के लिए अंतरिम जमानत की अपील की थी। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए आठ नवंबर की तारीख तय की है।
कोर्ट ने जारी किया था कुर्की आदेश
हाल ही में एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास समेत 25 लोगों को फरार घोषित किया था। साथ ही पुलिस ने सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था।
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