RAIPUR : छत्तीसगढ़ राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आदिवासियों ने किया विरोध, सरकार पर आरोप

रायपुर,26 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का 32% आरक्षण खत्म किए जाने को लेकर माहौल गरमाते जा रहा हैं. आरक्षण खत्म किए जाने से नाराज छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध करने का फैसला किया है. साथ ही 1 नवंबर से 3 नवंबर तक प्रस्तावित इस सरकारी आयोजन के विरोध में आदिवासी समाज के लोग सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के घर के बाहर नगाड़ा बजाकर प्रदर्शन करने वाले हैं. दरअसल हाईकोर्ट ने लोक सेवा आरक्षण अधिनियम को रद्द कर दिया है. इसकी वजह से आरक्षण खत्म होने की स्थिति में है.

मंत्रियों के घर के बाहर बजाएंगे नगाड़ा –

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज पदाधिकारी बी एस रावटे ने बताया “छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर के फैसले से समाज का 32% आरक्षण खत्म कर दिया है. राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की बात कही थी, लेकिन 1 महीने से अधिक का समय हो गया. सरकार अदालत नहीं पहुंच पाई है. हमारे समाज के मंत्री विधायक भी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं. ऐसी स्थिति में समाज ने फैसला किया है कि जो समाज का काम नहीं करेगा, समाज उसका विरोध करेगा. अभी जिला स्तर पर राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध किया जाना है. इसके तहत सांसदों विधायकों और मंत्रियों के घर के बाहर नगाड़ा बजाकर उनको जगाने की कोशिश की जाएगी.”

आदिवासी नेताओं का बहिष्कार – 

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकार बी एस रावटे ने कहा “32% आरक्षण खत्म होने से समाज में भारी आक्रोश है. यदि बहाली नहीं हुई, तो अब बात यह भी होने लगी है कि सामाजिक समूह के द्वारा आदिवासी नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा. यह बहिष्कार तब तक चलेगा, जब तक आरक्षण बहाल नहीं हो जाता.”

15 नवंबर को नाकेबंदी की भी घोषणा – 

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की ओर से बताया गया “संगठन की बैठक हुई थी. इसमें 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी का कार्यक्रम तय हुआ है. इसके तहत रेलगाड़ी और मालवाहक ट्रकों को रोका जाएगा. इसके लिए जिलों और ब्लॉकों में तैयारी की जा रही है. प्रदर्शन के लिए सड़कों चौक चौराहों का चुनाव किया जा रहा है.” समाज में ऐसा ही प्रदर्शन पिछले साल भी किया था.