भोपाल, 22 अक्टूबर । आज धनतेरस के साथ दीपोत्सव पर्व की शुरुआत हो गई है। मंदिरों में भी इस अवसर पर विशेष आयोजन हो रहे हैं। पुराने शहर के कायस्थपुरा में स्थित श्री बड़वाले महादेव मंदिर में धन्वंतरि जयंती एवं शनि प्रदोष के अवसर पर बाबा बटेश्वर एवं मां गौरा की रजत प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर 2100 तेल के दिये लगाए जाएंगे। मंदिर सेवा समिति एवं ट्रस्ट के संजय अग्रवाल एवं प्रमोद नेमा ने बताया कि शाम चार बजे दूध, पंचामृत, गन्ने का रस एवं नर्मदाजल से बाबा का अभिषेक कर माता गौरा एवं भोलेनाथ की रजत प्रतिमा का फूल, रत्न तथा नए नोट से श्रृंगार कर महाआरती होगी। इसके साथ-साथ शहर के प्राचीन लखेरापुरा के श्रीजी मंदिर में दीपावली पर्व मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। आयोजन 27 तक होंगे।
21 किलो पारे के श्रीयंत्र का 1008 नोटों से होगा सहस्त्रार्चन
उधर, टीटी नगर मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर पर धनतेरस के मौके पर भगवान लक्ष्मी-नारायण का विशेष श्रृंगार किया गया है। मंदिर के व्यवस्थापक पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि मां वैष्णो धाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर को दीपावली के पावन पर्व पर धनतेरस पर विद्युत साज-सज्जा की गई है। लक्ष्मी-नारायण को सजाया गया है। दीपावली की रात 10:30 बजे पूजन प्रारंभ होगा। जिसमें 21 किलो पारे के श्रीयंत्र का 1008 नोटों से सहस्त्रार्चन किया जाएगा। ललिता सहस्त्रनाम से मां लक्ष्मी का विशेष पूजन होगा। हवन के बाद आरती होगी। हर वर्ष व्यापारी अपनी राशि मंदिर को समर्पित करते हैं। उस राशि को लक्ष्मी पूजन में रखकर पूजन किया जाता है।
2022 दीपों से जगमग हुआ गौहर महल
उधर, गौहर महल में चल रहे दीपोत्सव मेले में शुक्रवार को एक साथ 2022 दीये जलाए गए। इससे पूरा महल व मेला परिसर दीपों की रोशनी से जगमग हो गया और लोगों को दीपावली जैसा नजारा देखने को मिला। दीयों की रोशनी से गौहर महल की सुंदरता में चार चांद लग गए। बता दें कि हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम द्वारा पिछले साल 2021दीये जलाए गए थे। इस साल 2022 दीये एक साथ प्रज्वलित किए गए। मेला प्रभारी ने बताया की दीप प्रज्वलन के दौरान कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम अनुभा श्रीवास्तव, वास्तुविद रबीशा मर्चेंट, समस्त शिल्पी, विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। मेले का समापन 23 अक्टूबर को होगा। उल्लेखनीय है कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा हाथकरघा एवं हस्तशिल्प और मिट्टीकला के कारीगर, बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गौहर महल में चल रहे मेले में 55 से अधिक स्टाल लगे हैं, जहां विक्रय और प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां धमना, डिंडोरी का टेराकोटा का दीया और महेश्वर तथा चंदेरी की साड़ियां मुख्य आकर्षण हैं। मेले का समापन 23 अक्टूबर को होगा।
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