खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं …..! ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं…..!

शंकर पांडये (वरिष्ठ पत्रकार)

शंकर पांडे (वरिष्ठ पत्रकार),रायपुर । हमारे देश में जिस तरह की व्यवस्था है, उसमें प्रशासन, राजनीति, उद्योग क्षेत्र या आम समाज में भ्रष्टाचार के लगातार बढ़ते जाने से शायद ही कोई इनकार करेगा। लेकिन इन दिनों हमारी सरकारी एजेंसियां भ्रष्टाचार की खोज और पड़ताल के लिए सिर्फ विपक्षी नेताओं या सरकार से असहमत लोगों को निशाना बना रही हैं…?यह विपक्षी दल लगातार कहते आ रहे हैं। विपक्ष के जो आरोपी-नेता सत्ता-पक्ष में शामिल हो जाते हैं, वे बिल्कुल पाक-साफ बता दिये जाते हैं? इस तरह की टिप्पणियां कांग्रेस, राजद और शिवसेना ही नहीं, भ्रष्टाचार-विरोध के नाम पर राजनीति करने वाली ‘आप’ जैसी पार्टी भी कर रही है।
(शिकंजे में विपक्ष..)ईडी की केसबुक में भी विपक्षी राजनेताओं और उनके करीबी रिश्तेदारों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।यह नेता 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से इसके दायरे में आ गए हैं। जांच से पता चलता है कि 121 प्रमुख राजनेता इसके अधीन रहे हैं।इस दौरान एजेंसी ने 115 विपक्षी नेताओं पर छापा मारा, पूछताछ की या गिरफ्तार किया। इनमें 95 प्रतिशत विपक्षी नेता हैँ।

यूपीए शासन (2004 से 2014) में एजेंसी की केसबुक से बिल्कुल अलग है। यूपीए शासन में एजेंसी द्वारा केवल 26 राजनीतिक नेताओं की जांच की गई थी, इनमें विपक्ष के 14 (54 फीसदी)नेता शामिल थे।ईडी के मामलों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के लिए जिम्मेदार है।एक कानून जिसे 2005 में लागू होने के बाद से मजबूत किया गया है। कड़ी जमानत शर्तों के साथ, इसके प्रावधान अब एजेंसी को गिरफ्तारी की भी अनुमति देते हैं।विपक्ष ने संसद में कई बार ईडी का मुद्दा उठाया है…. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि मानसून सत्र के दौरान एजेंसी द्वारा उन्हेंअनुचित तरीके से निशाना बनाया गया है …. हालांकि सरकार और ईडी ने एजेंसी के अधिकारियों के साथ यह कहते हुए दृढ़ता से इनकार किया है कि उसकी कार्रवाई गैर-राजनीतिक है और पहले अन्य एजेंसियों या राज्य पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों की वजह से होती है।(ईडी के जाल में विपक्ष के नेता….)2014 से ईडी के जाल में विपक्ष के कई नेता रहे हैं।इसमें कांग्रेस 24, टीएमसी 19,एनसीपी11,शिवसेना 8,डीएमके 6,बीजद 6,राजद 5 ,बसपा 5,
एसपी 5,टीडीपी 5,आप 3,
इनेलो 3,वाईएसआर 3,
सीपीएऍम 2,एनसी 2,
पीडीपी 2,अन्नाद्रमुक 1,
मनसे 1,एसबीएसपी 1और टीआरएस के 1नेताओं के नाम शामिल हैँ…?

भाजपा में शामिल तो जाँच……?

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने 2014 – 2015 में शारदा चिटफंड घोटाले की जांच की थी, जब वह कांग्रेस का हिस्सा थे… सीबीआई ने 2014 में उनके घर और कार्यालय पर छापा मारा और यहां तक ​​कि उनसे पूछताछ भी की! हालांकि, उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई….?

इसी तरह, तत्कालीन टीएमसी नेता सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई और ईडी ने जांच के दायरे में रखा था।दोनों ही पिछले साल पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और उनके खिलाफ मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई…?

24 साल बाद बना गैर गांधी,कॉंग्रेस अध्यक्ष

मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं।उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस सांसद शशि थरूर को चुनाव में हरा दिया।खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि थरूर के खाते में केवल 1072 मत पड़े। खड़गे तीन दशक से भी ज्यादा समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। छात्रसंघ से लेकर उन्होंने मजदूर संघ और फिर कांग्रेस के सर्वोच्च पद तक का सफर पूरा किया है।

1947 से अब तक कांग्रेस के अध्यक्ष पद की बात करें तो 75 सालों में 41 साल कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही रहे। यह भारत की स्वतंत्रता के बाद के कुल वर्षों का 55 प्रतिशत है।कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के कुल पांच अध्यक्ष बने और 13 ऐसे अध्यक्ष बने जो नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के लोग रहे.. 1947 के बाद कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आजादी के बाद से अधिकांश समय तक पार्टी का नेतृत्व किया है. वहीं, नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के नेताओं में जे बी कृपलानी, बी पट्टाभि सीतारमैया, पुरुषोत्तम दास टंडन, यूएन ढेबर, एन संजीव रेड्डी, के कामराज, एस निजलिंगप्पा, जगजीवन राम, शंकर दयाल शर्मा, डी.के. बरुआ, के बी रेड्डी, पी वी नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी शामिल थे, जिन्होंने पार्टी का नेतृत्व किया।

क्या एसपी को भी निश्चित रकम मिलती थी….?

छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे,एक आईएएस की गिरफ्तारी,2आईएएस सहित एक प्रदेश स्तर के प्रशानिक अफसर को जाँच के दायरे में लेने के बाद नौकरशाही बेचैन है, ईडी के प्रेसनोट में आईपीएस का जिक्र होने से कुछ वर्दीधारियोँ पर भी सवाल उठ रहे हैँ।

कोयले में हाथ काले होने के छींटे कुछ आईएएस पर तो पड़े हैं पर क्या कुछ आईपीएस की भी इस मामले में संलिप्तता है… ईडी यह भी जाँच कर रही है कि क्या कलेक्टर के साथ कोयला पाए जाने वाले जिलों में एसपी को भी प्रति टन कोई निश्चित रकम मिलती थी…? वैसे विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष को 25₹टन अलग से मिलता था…? वैसे कुछ आईपीएस अफसरों से ईडी जल्दी पूछताछ करें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

कोयला सरगना सूर्यकान्त तिवारी…?

ईडी ने सूर्यकांत तिवारी को छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाले का सरगना बताया है।सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ आयकर विभाग ने बेंगलुरू के कोडीगुड़ी ग्रामीण थाने मेंएफआईआर दर्ज कराई है।30 जून को आयकर की टीम ने तिवारी को होटल शेरेटन ग्रैंड से गिरफ्तार किया था।

होटल के कमरा नम्बर 664 में ठहरे तिवारी ने अपना आईफोन तोड़कर कमोड में बहाने की कोशिश की थी।इसके बाद सूर्यकांत तिवारी को दिल्ली ले जाकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था।उसने उस समय किसके – किसके नाम बताए से इसको लेकर भी चर्चा तेज है….अब आयकर की टीम ने सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ धारा186, 204, 120-बी और 353 के तहत दर्ज जुर्म क़ायम करवाया है।अभी ईडी के छापे के बाद से सूर्यकांत तिवारी गायब है, उसकी तलाश ईडी तेजी से कर रही है।

और अब बस

0नान घोटाला प्रकरण को छ्ग से दूसरे राज्य में स्थानान्तरण के मामले में सुको के नये सीजेआई ही फैसला लेंगे….
0गुजरात में भाजपा सरकार उज्जवला गैस कनेक्शन वालों को हर साल दो सिलेंडर मुफ़्त देगी.. क्या ये चुनावी रेवड़ी नहीं है…!
0छत्तीसगढ़ में अब नए एटीसी टावर की मदद से बड़े विमानों की लैंडिंगऔर टेक ऑफ किया जा सकता है।
0अरविन्द केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को आज का भगत सिंह बताया है? इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहा है?डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदी जी को भारत का पिता बता दिया था?अमित शाह को भी लौहपुरुष की उपाधि लोग दे ही रहे हैं..राजनाथ सिँह ने मोदी को महात्मा गाँधी की तरह पॉपुलर बताया है…?