गीतांजलि समूह की महिलाएं अगरबत्ती बनाकर हो रही स्वावलंबी

धमतरी, 21 अक्टूबर।घर में अगर पूजा-पाठ करना हो, सकारात्मक माहौल बनाना हो, तो अगरबत्ती अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे ही, घरों में खुश्बू और खुशियां बिखेरने का काम कर रही है, धमतरी के ग्राम रूद्री की गीतांजलि महिला स्व सहायता समूह। इस 11 सदस्यीय समूह ने आत्मनिर्भर बनने अगरबत्ती निर्माण की योजना बनाई। इसके लिए बकायदा धमतरी के बड़ौदा आरसेटी से प्रशिक्षण भी लिया। इसके बाद प्रदेश सरकार की महती बिहान योजना से जुड़ इस समूह ने ऋण लिया और अगरबत्ती बनाने की मशीन खरीदी। पिछले दो सालों में मोंगरा, गुलाब, मिक्सड फूलों की खुश्बू वाली इनकी अगरबत्ती रूद्री और आसपास के गांव में काफी प्रचलित हो गई है। समूह की सचिव  सुनीता वर्मा बताती हैं कि एक दिन में लगभग 15 से 20 किलो अगरबत्ती तैयार की जाती है, जिसमें एक पैकेट (एक पाव) अगरबत्ती 40 रुपये की दर से बिकती है।

 आलम यह होता है कि अगरबत्ती तैयार करते, पैक करते ही हाथों-हाथ बिक जाती है। रूद्री और आसपास के गांव के लोग खुद पहुंचकर यहां से अगरबत्तियां खुशी-खुशी ले जाते हैं। लोगों के घरों को महकाने और खुद की जिंदगी में बदलाव लाने में यह अगरबत्तियां मदद कर रहीं हैं। समूह की अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू, प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि बिहान योजना से समूह के सदस्य ना केवल स्वावलम्बी बन रहीं हैं, बल्कि आत्मविश्वास से भी लबरेज हो रही हैं।