आधी से भी कम कीमत में मिल रही धन्वतंरी स्टोर्स में दवा

दुर्ग। आर्थिक दुश्वारियां सेहत को और खराब कर देती हैं और सस्ता सुलभ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर जिंदगी आसान कर देता है। बीते साढ़े तीन सालों में हेल्थ के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ शासन ने ऐसे बड़े कदम उठाये हैं जिससे आम आदमी की हेल्थ के मोर्चे पर चिंता में सुखद गिरावट आई है। दवाओं का मासिक खर्च अनेक घरों के बजट को बिगाड़ रहा था। धन्वतंरी मेडिकल स्टोर्स में गुणवत्तायुक्त जेनरिक दवाएं उपलब्ध होने से घर का बजट अब संतुलित हो गया है।

दुर्ग जिले में 18 धन्वंतरी योजना के स्टोर्स हैं सारे मेडिकल स्टोर प्राइम लोकेशन पर मौजूद हैं। पिछले साल शासन ने इसी दिन सस्ती जेनरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए धन्वंतरी योजना आरंभ की। पिछले महीने तक दवाओं के विक्रय पर नजर डालें तो इन दुकानों के माध्यम से 11 करोड़ 84 लाख रुपए की दवाएं बिक गई हैं। इनके माध्यम से लगभग साढ़े सात करोड़ रुपए की बचत आम जनता को हुई है। एमआरपी के 58 प्रतिशत की छूट पर यहां दवाएं बिक रही हैं।

गुरुवार को दुर्ग में स्थित धन्वतंरी जेनरिक मेडिकल स्टोर्स में खरीदी के लिए आये नीतिश देवांगन ने बताया कि उनके पिता बीपी के मरीज हैं। हर महीने यहां से हजार रुपए की दवा ले जाते हैं। पहले दवाओं का काफी खर्च आ जाता था। अब इसमें कटौती आ गई है। पिता जी को भी संतोष है कि खर्च कम हो गया है इससे उनका खर्च को लेकर मानसिक तनाव घट गया है और तबियत भी इससे सुधर रही है। दुकान में ही आये राधेश्याम यादव ने बताया कि वे साल भर से यहां आ रहे हैं।

यहीं से दवा खरीदते हैं। काफी सस्ती दवा मिल जाती है और असरदार भी है। जब हमारा बिल बनता है और कैल्कुलेटर में डिस्काउंड का पैसा काटकर बताते हैं तो बहुत खुशी होती है कि हम लोग अपनी दवाओं पर अब कितनी अधिक राशि बचा पा रहे हैं। यह राज्य सरकार की बहुत अहम योजना है।

धन्वंतरी मेडिकल स्टोर के प्रबंधक ने बताया कि ग्राहकों को सस्ते में गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने से जो साख मार्केट में बनती है वो सबसे महत्वपूर्ण है। इससे बहुत संतोष महसूस होता है। लोगों का भी दुकान के प्रति जुड़ाव बनता है। जो एक बार जेनेरिक मेडिकल स्टोर से दवाएं ले जाते हैं। उन्हें बेहतर महसूस होता है और फिर वहीं से खरीदी करते हैं। हमारे अधिकांश ग्राहक पूर्णकालिक बन गये हैं और यहीं से ही दवा ले जाते हैं।