नईदिल्ली I कर्नाटक के रामनगर में राशन कार्ड पर ईसा मसीह और देवी लक्ष्मी की तस्वीर छापने के मामले में विवाद बढ़ गया है. ये तस्वीरें राशन कार्ड के पिछले पन्ने पर छपी हैं, जिसकी निंदा करते हुए हिन्दू संगठनों ने जांच की मांग की है. रिपोर्ट के मुताबिक रामनगर के कनकपुरा स्थित गांव में राशन कार्ड के पीछे जीसस और देवी की तस्वीर छपी मिली. मामला डोड्डा अलनहल्ली गांव का है और राशन कार्ड के पीछे भी तस्वीरों के नीचे डोड्डा अलनहल्ली छपा है. अब मामले के खुलासे के बाद कनकपुरा पुलिस ने वायरल फोटो की जांच के आदेश दिए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने अबतक मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. हिन्दू संगठनों का आरोप है कि इसके जरिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कोशिश है. इसको लेकर बहस भी शुरु हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने इसके जरिए ईसाई धर्म थोपने की कोशिश का भी आरोप लगाया है. श्री राम सेना ने कहा कि वे इस मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर के पास जाएंगे.
आंध्र प्रदेश में भी इसी तरह के मामले
यह पहली बार नहीं है जब राशन कार्ड पर जीसस की तस्वीर छपे होने पर विवाद पैदा हुआ है. इससे पहले 2019 में आंध्र प्रदेश में इसी तरह का मामला सामने आया था और कार्ड पर जीसस की तस्वीर छाप दिया गया था. आंध्र प्रदेश सरकार ने तब कहा था कि राशन कार्ड डीलर जो वलदामरु गांव से टीडीपी सदस्य भी था, उसी ने साजिश के तहत जीसस की तस्वीर कार्ड पर छपवाई थी. राज्य सरकार ने बताया था कि साजिशन इस तस्वीर को वायरल किया गया था. सरकार ने यह भी दावा किया था कि उसी शख्स ने पहले साईंबाबा और भगवान बालाजी की भी तस्वीरें छपवाई थी.
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