क्रिएटिव किड्स सेंटर में बच्चों व किशोरों की हुई मनोवैज्ञानिक जांच

अभिभावकों को दी गई मनोचिकित्सा संबंधी जानकारी

सरगुजा। व्यक्ति के लिए जितना शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी है उतना ही मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। मानसिक रोग का इलाज संभव है। झाड़फूंक न कराकर मनोचिकित्सक से इलाज कराना चाहिए। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए ‘क्रिएटिव किड्स ट्रेनिंग सेंटर’ में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर बच्चों व किशोरों की मनोवैज्ञानिक जांच कर उनकीमानसिक समस्याओं को जाना गया। वहीं अभिभावकों और उपस्थित जनसमुदाय को भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, लक्षण और निदान के बारे में जानकारी दी गई।

इसके साथ ही मानसिक रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को भी साइको एजुकेशन दिया गया, ताकि ऐसे बच्चों की समस्याओं को समझने और उनके साथ सकारात्मक व्यवहार करने में अभिभावकों को सहुलियत हो सके। इस अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में पदस्थ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ.सुमन कुमार की ओर से जागरूकता कार्यक्रम की अगले कड़ी में अंबिकापुर शहर में संचालित ‘क्रिएटिव किड्स’ मनोवैज्ञानिक/मानसिक समस्याओं से ग्रसित बच्चो व किशोरों का ट्रेनिंग सेन्टर भ्रमण किया गया। सेंटर में उपस्थित बच्चो के अभिभावकों से उन्होंने मुकालात की l साथ ही बच्चो की निशुल्क मनोवैज्ञानिक जाँच की और अभिभावकों को मनोचिकित्सा संबंधी जानकारी दी गई। इस मौके पर लोगो को मानसिक रोग की जाँच व इलाज सुविधा शहरी स्वास्थ्य केंद्र व जिला चिकित्सालय (डी.इ.आई.सी.) में निशुल्क उपलब्ध होने, आटिज्म (स्वलीनता) व इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी (मानसिक मंदता) का दिव्यांगता प्रमाणपत्र भी

क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट व मेडिकल बोर्ड की ओर से निःशुल्क बनाए जाने तथा मानसिक समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर 104 व 18005990019 पर कॉल कर निःशुल्क सेवा लेने के बारे में जानकारी भी दी गई।

इस मौके पर क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. सुमन कुमार ने बताया कोई बच्चा जन्म से ही मानसिक विकृति से पीड़ित हो तो सबसे पहले चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए, ताकि शुरुआत में ही पीड़ित का उपचार किया जा सके। इसलिए मानसिक समस्याओं से पीड़ित बच्चों व किशोरों के अभिभावकों या परिजनों को विशेष रूप से जागरूक होने की जरूरत है। साथ ही उन्हें उन बच्चों व किशोरों की समस्याओं के निदान के लिए भी उनसे सकारात्मक और सहयोगी व्यवहार अपनाना चाहिए जिससे ऐसे लोगों के उपचार में सहायता मिल सके।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. एस. सिसोदिया के आदेशानुसार, जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. युगल किशोर किंडो, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. पुष्पेंद्र राम, डॉ. रितेश सिंह के मार्गदर्शन एवं विशेष सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में करीब 13 बच्चों एवं किशोरों की निःशुल्क

मनोवैज्ञानिक जांच की गई। साप्ताहिक बाजार में भी मानसिक रोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम- विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के तहत क्षेत्र के अजिरमा साप्ताहिक बाजार, घडी चौक, गाँधी चौक, गोधनपुर सब्जी बाजार, बनारस चौक, स्टेडियम चौपाटी, नवापारा बाजार, पुरानी बस स्टैंड बाजार में लोगों को मानसिक रोग और उसके लक्षण तथा निवारण के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही पम्पलेट वितरित कर लोगो को मानसिक समस्या होने पर स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क परामर्श लेने के बारे में जानकारी दी गई।