देश में एक समान वस्तु व सेवा शुल्क जीएसटी (GST) प्रणाली लागू हुए इस साल जुलाई में पांच साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसकी पेचीदगियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी के अमल व अधिसूचनाओं को लेकर आए दिन विवाद सामने आते रहते हैं।आप पराठा (frozen) खाना चाहते हैं तो उस पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ेगा, वहीं रोटी खाना चाहते हैं तो 5 फीसदी। फ्रोजन रोटी-पराठे पर जीएसटी को लेकर पहले भी सवाल उठे हैं।
इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि दोनों को बनाने की मूल सामग्री चूंकि गेहूं का आटा है, इसलिए इस पर समान जीएसटी ( GST)लागू होना चाहिए। वाडीलाल इंडस्ट्रीज का कहना था कि वह 8 तरह के पराठे बनाती है। इसमें मुख्यतः आटे का ही इस्तेमाल होता है।इसी तरह का मामला तमिलनाडु के जीएसटी(G ST) प्रशासन के समक्ष आया। वहां जीएसटी प्रशासन ने रेडी टू कूक डोसा, इडली और दलिया मिक्स आदि पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया, लेकिन डोसा या इडली बनाने के तैयार घोल (बैटर) के तौर पर बेचने पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया।
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