KORBA NEWS : परशुराम सेना कोरबा का शरदपूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन तुलसी सदन मे सम्पन्न

कोरबा,10अक्टूबर। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को कौमुदी व्रत, कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का खास महत्व है।इस अवसर पर परशुराम सेना ने शरद पूर्णिमा उत्सव का आयोजन रखा ।भगवान कृष्ण और परशुराम जी का विशेष सृंगार कर सर्वप्रथम भजन की प्रस्तुति उमाकांत तिवारी द्वारा किया गया ।मातृका दुबे के संगीत मंत्र ने सबका मन मोह लिया ।मयूरी दुबे द्वारा मोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई ।शरद पूर्णिमा उत्सव में सभी विप्रो के उत्साह को पंडित रविन्द्र दुबे की कविताओ “चटक चांदनी चंचल किरणे” ने दुगुना कर दिया ।देश की अखंडता और विश्व गुरु भारत की महिमा पुनः स्थापित करने “आरम्भ कर दे अब प्रचंड,जोड़ना है खंड खंड” ने सबके दिलों पर देशभक्ति का भाव जगा दिया ।

उत्सव कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुति,साहित्य में योगदान और विप्र सम्मान स्वरूप रविन्द्र दुबे को “परशुराम कविराज” और महाराजा चक्रधर समारोह की सांस्कृतिक विरासक पर शोध कार्य हेतु डॉ अर्चना दीवान को”परशुराम विप्र सम्मान” से शाल, श्रीफल और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया ।कहते है शरद पूर्णिमा दिन की लक्ष्मी पूजा सभी कर्जों से मुक्ति दिलाती हैं इसलिए इसे कर्जमुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी रात में धरती पर विचरण करती हैं। उक्त कार्यक्रममें परशुराम सेना के पंविजय दुबे,पं राजेशदुबे,पं ब्रजेश शर्मा, डॉ नंद त्रिपाठी,पं सुरेंद्र धर दीवान,पं के डी दीवान सहित विप्र बंधु परिवार सहित उपस्थित रहे।