गौठानों में नहीं थम रहा पशुओं की मौत का सिलसिला…

बिलाईगढ़ ,06अक्टूबर। जिले के गौठानो में देख-रेख व पंचायत जनप्रतिनिधियों के लापरवाही से आवारा पशुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। सरकार एक तरफ गौठानो को मॉडल रूप देकर विकास गढ़ने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ पंचायतों के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की लापरवाही व अधिकारियों की अनदेखी भी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

दरसल हम बात कर रहें हैं नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रोहिना के गौठान की। जहाँ गौठान में पाँच पशुओं की मौत हो गई हैं जो सड़-गल रहें हैं और बदबू दे रहें हैं। जिसकी जानकारी पंचायत के ही ग्रामीणों ने मीडिया को दी। मौके पर मीडिया टीम पहुँची और कवरेज किया। मौके पर मीडिया ने स्थिति की जानकारी बिलाईगढ़ एसडीएम को भी दी लेकिन एसडीएम ने सीईओ को जानकारी देने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

ऐसे में गौठान में स्थित व्यक्ति से भी जानकारी लिया गया उन्होंने बताया कि रोज सुबह-शाम पशुओं को चारा पानी देने पहुँचते है और मरे हुये पशुओँ के बारे में सरपँच को बताते हैं। सरपँच भी पशुओँ को दफना देते हैं। लेकिन पिछले तीन-चार दिन से मरे पशुओँ पर नजर नहीं पड़ी जिसके चलते दफनाया नहीं गया। अब गढ्ढे में मरे पशु को भी देख नहीं पाया जिसके चलते बदबू दे रहे हैं।

एक तरफ पंचायत के सरपँच ने बताया कि उन्हें भी मरे हुये पशुओं की जानकारी तीन-चार दिन से नहीं है और देख-रेख करने वाले रोज आते हैं जो मरे पशुओं को नहीं देख पाया जिनके वजह से बदबू दे रहा है। ये किसकी लापरवाही है मैं बता नहीं सकता क्योंकि हमारे गौठान में चारा है पानी है और लेबर व्यवस्था है फिर भी किसकी लापरवाही है नहीं बता  सकता। अब इस तरह सरपंच का जवाब सुनने से जिम्मेदार कौन है जो समझ से परे हैं।

क्षेत्र में लगातार इस तरह का मामला देखा जा रहा है जिसमें अधिकारियां भी गंभीर होते नहीं दिख रहे हैं । अगर अधिकारियां ऐसी स्थिति को गंभीरता से ले और कार्यवाही करने में अपनी जिम्मेदारी निभाये तो निश्चित ही गौठानो में मर रहे पशुओं की जान बचाई जा सकती है।

बहरहाल अब देखना होगा कि खबर दिखाए जाने के बाद क्षेत्रीय अधिकारियां गंभीर होकर कार्यवाही करने में अपनी जिम्मेदारी निभाती है या नहीं।