RAIPUR NEWS : ओलम्पिक का आगाज कल से, गिल्ली डंडा, लंगड़ी दौड़ जैसे खेल, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक होंगे प्रतिभागी

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब पारम्परिक खेलों का ओलम्पिक होने जा रहा है। ग्रामीण अंचलों का खेल (Play) अब गांवों से निकलकर शहरों तक पहुंचेगा।छत्तीसगढ सरकार (Government of Chhattisgarh) छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन करने जा रही है, जिसका आगाज 6 अक्टूबर से होगा। कई चरणों से होते हुए राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का समापन 6 जनवरी 2023 को होगा। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2022-23 में गिल्ली-डंडा, बांटी, भंवरा, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा सहित 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है। पारम्परिक खेलों को ओलम्पिक की तर्ज पर प्रदेश में कराने की यह पहल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है।

छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक से प्रतिभागियों को मंच मिलेगा

छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक से प्रतिभागियों को मंच मिलेगा। वहीं उनमें खेलों के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और खेल भावना का विकास होगा। सीएम भूपेश बघेल की पहल पर 6 सितंबर यानी  कल के को कैबिनेट में छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन पर निर्णय हुआ था। इसकी पूरी कार्ययोजना खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने बनाई। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक को प्रदेश के गांव से लेकर राज्यस्तर पर छह स्तरों में आयोजित किया जाना तय हुआ है। गांव में सबसे पहला स्तर राजीव युवा मितान क्लब का होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। फिर विकासखंड/नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। स्पर्धा की शुरुआत 6 अक्टूबर से शुरू हो रही है।

बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक होंगे प्रतिभागी

छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन को सौंपा गया है। इस वर्ष छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में छत्तीसगढ़ के 14 प्रकार की पारम्परिक खेल प्रतियोगिताएं 2 श्रेणी में होंगी। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली-डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लंबी कूद को शामिल किया गया है। गांव से लेकर शहर तक, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक प्रतिभागी होंगे। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक को लेकर प्रदेश के गांवों में भारी उत्साह है।