गोठानों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत

जांजगीर-चांपा ,03अक्टूबर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के माध्यम से जिले में गायों के लिए गोठान बनाए गये है और लगातार बनाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से गायों के संरक्षण एवं उन्हें सुव्यवस्थित स्थान मुहैया कराने, किसानों की फसलों को गायों से चरने से बचाने के लिए जिले में 537 ग्रामीण, 17 शहरी एवं 12 आवर्ती चराई के लिए गोठान की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 419 ग्रामीण, 17 शहरी एवं 12 गोठानों को पूर्ण किया गया। गोठानों का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए इनमें गोठान समिति बनाई गई हैं। इसके बाद इन गोठानों को गोधन न्याय योजना से जोड़ते हुए गोबर की खरीदी, आजीविका विकास गतिविधियों के सफल संचालन से महिलाओं, युवाओं, ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। तो वहीं 2 अक्टूबर 2022 को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के उद्घाटन के बाद से ग्रामीण उद्यमिता के क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन आएंगे।

जिले में गोठान एवं गोधन न्याय योजना का कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक क्रियान्यवान किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने बताया कि जांजगीरचांपा एवं सक्ती जिले को मिलाकर कुल 566 गोठान के निर्माण को लेकर मंजूरी दी गई, जिसमें से 448 गोठानों का निर्माण पूर्ण करते हुए इनमें से 358 गोठान में गोधन न्याय योजना को जोड़ा गया है। गायों को नियमित रूप से चारा की व्यवस्था हो किसी तरह की कोई कमी न आए इसके लिए 416 चारागाह के निर्माण को लेकर स्वीकृति दी गई जिसमें से 342 चारागाह का निर्माण कर 264 चारागाह में नेपियार, मक्का आदि घास की बुआई की गई है।

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गोबर बेचने से बन रहे हैं गौपालक लखपति

गोधन न्याय योजना का शुभारंभ जिले में 20 जुलाई 2020 से हुआ। इसके बाद से ही लगातार गोबर की नियमित रूप गोठानों में खरीदी की जा रही है। गोठानों में गोबर बेचने से पशुपालक की आमदनी बढ़ी है। जिले में कई ऐसे गोबर विक्रेता पशुपालक हैं, जिन्होंने सैकड़ों क्विंटल गोबर को गोठानों में बेचा है। जिले में सक्रिय गोबर विक्रताओं के माध्यम से 358 गोठानों में 3 लाख 55 हजार 369 क्विंटल गोबर बेचा गया जिससे पशुपालकों को 7 करोड़ 10 लाख 73 हजार 900 रूपये उनके खातों में भेजे गए हैं।