लोधी कॉलोनी में छह वर्षीय मासूम की गला रेतकर हत्या करने वाले आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें समृद्धि हासिल करनी थी। जिसके लिए वह भगवान शंकर की पूजा करते थे। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उन्हें एक और बच्चे की बलि देनी थी। आरोपी भगवान के प्रसाद के रूप में रोज गांजे का सेवन करते थे। उन्हें दो बच्चों की बलि देनी थी। हत्या के बाद वह दोनों बचने के लिए अपने कपड़े और धर्मेंद्र का शव छिपा रहे थे। लेकिन बच्चे के परिजन उसे ढूंढते हुए वहीं आ गए। अगर वह पकड़े नहीं जाते तो एक और बच्चे की बलि देते।
एक अक्टूबर की देर रात सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरके जहांगीर ने मामले की सूचना पुलिस को दी। लोधी कॉलोनी थाना पुलिस को लोगों ने बताया कि विजय कुमार और अमर कुमार ने धमेंद्र का गला काट कर उसकी हत्या कर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और धमेन्द्र के पिता अशोक कुमार के बयान पर हत्या का केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
सपने में आए थे भगवान
पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू की। आरोपी विजय ने बताया कि उन्होंने हत्या से पहले नशा किया था। नशा करने के बाद वह भगवान की पूजा करने गए थे। वहां महिलाओं ने उन्हें अगरबत्ती नहीं दी तो वे वापस अपनी झुग्गी में आ गए। विजय ने बताया कि भगवान शंकर ने उन्हें सपने में आकर कहा कि उन्हें बच्चे की बलि देनी होगी। इसके बाद वह बच्चे की तलाश में निकल पड़े और रास्ते में उन्हें धर्मेंद्र दिखाई दिया। जिसके बाद उन्होंने उसे बुलाया और उसका गला काट दिया था।
झुग्गी से बाहर निकल रहा था खून
बच्चे की तलाश में जब सभी लोग आरोपियों की झुग्गी के पास पहुंचे तो वहां से बहुत खून बह रहा था। पहले लोगों को लगा कि आरोपियों ने खाने के लिए मुर्गा काटा है। शक बढ़ने पर उन्होंने आरोपियों के घर का गेट खोला और धर्मेंद्र का शव पड़ा देखा। इसके बाद लोगों ने सीआरपीएफ के अधिकारियों को सूचना दी। धर्मेंद्र के पिता अशोक ने बताया कि वह एक माह पहले परिवार के साथ दिल्ली आया था। लोधी कॉलोनी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीआरपीएफ के मुख्यालय का निर्माण कार्य चल रहा है। जहां उनके गांव के कई लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने उसे और उसकी पत्नी को यहां काम दिलवा दिया। जिसके बाद दोनों निर्माण स्थल के पास ही रहने लगे।
[metaslider id="347522"]