धमतरी,2 अक्टूबर। बेसहारा मवेशियों के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। शहर के वार्ड की गलियों, राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के साथ ही साथ मवेशी कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में भी मंडरा रहे हैं। जिला प्रशासन मवेशियों को धरपकड़ कराने के लिए अब तक बार-बार सख्त निर्देश कई बार जारी कर चुका है लेकिन सख्त निर्देश का पालन होता नहीं दिख रहा। कलेक्टर कक्ष से महज 50 कदम की दूरी पर भी मवेशियों का झुंड आसानी से देखा जा सकता है। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले के कलेक्टर के आदेश का अधीनस्थ अधिकारी- कर्मचारी किस तरह माखौल उड़ाते हैं। शहर की सड़क में मवेशियों का घूमना अब आम बात हो गई है। लोगों ने भी अब इन्हीं अव्यस्थाओं के बीच जीना सीख लिया है। दिखावे के लिए कुछ मवेशियों को पकड़कर रस्म अदायगी कर दी जाती है। उसके बाद वही ढर्रा शुरू हो जाता है। लोगों को कहना है कि जब तक जमीनी स्तर पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक सख्त निर्देश जारी करने का कोई तुक नहीं रह जाता। अभी माहभर के भीतर जिला प्रशासन की ओर से मवेशियों को घर पर ही रखने, पकड़ने के संबंध में कई निर्देश जारी हो चुके हैं लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा।
जिला प्रशासन ने एक बार फिर जारी किया निर्देश
पशु मालिक द्वारा अपने पालित पशुओं को लावारिस छोड़ने, बीमार पशु का उपचार नहीं कराने जैसे कृत्य किए जाने पर पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (ज), (झ), (ञ) के तहत दण्डनीय अपराध है और ऐसे कृत्य करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि, मुख्य ग्राम योजना धमतरी मुजगहन में दुर्घटनाग्रस्त गाय को कार्यालय खुलने के पहले अज्ञात व्यक्ति द्वारा छोड़ दिया गया था। उन्होंने बताया कि कार्यालय खुलते ही उक्त पशु का आवश्यक उपचार किया गया। इसके बाद पशु के कान में पहचान के लिए लगाए गए टैग नम्बर के आधार पर इनाफ पोर्टल से संबंधित पशु मालिक की पहचान कर पशु को अपने घर ले जाने के लिए आग्रह किया गया, जिसे नजर अंदाज करते हुए उनके द्वारा नहीं ले जाया गया। बताया गया है कि गाय का उपचार के बाद चारा, भूसा, पानी की व्यवस्था कर खिलाया गया। उक्त पशु को 27 सितंबर को कार्यालय खुलने के पूर्व मृत पाया गया, जिसका नगरनिगम धमतरी के सहयोग से उचित स्थान में निष्पादन किया गया। उन्होंने बताया कि पशु मालिक द्वारा पशु को लावारिस छोड़ना, बीमा पशु का उपचार नहीं कराना, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (ज), (झ), (ञ) के तहत दंडनीय है। उक्त कृत्य को दृष्टिगत करते हुए पशु मालिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी सिटी कोतवाली धमतरी को पत्र लिखा गया है। साथ ही उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने पशुपालकों से यह अपील की है कि वे अपने पालित पशुओं की बेहतर ढंग से देखरेख, उपचार करें और उन्हें दयनीय अवस्था में ना छोड़ें।
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