बिलासपुर। उत्तर बस्तर कांकेर कलेक्टर द्वारा सहायक शिक्षक (एल बी.) के पद पर पदस्थ शीतल कुमार कुर्रे का स्थानांतरण नाहरपुर ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला बगरुमपारा गट्टागुडूम से कोयलीबेड़ा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला छोटेपरा घोडागांव किए जाने का आदेशित किया गया था। इस स्थानांतरण आदेश पर हाईकोर्ट ने 29 सितम्बर 2022 को याचिका की सुनवाई करते हुवे स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दिया |
शीतल कुमार कुर्रे की प्रारंभिक नियुक्ति सहायक शिक्षक (पंचायत) के पद पर उत्तर बस्तर कांकेर जिले में हुई थी | छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा 30 जून 2018 को एक दिशा निर्देश जारी किया गया, जिसमे शाकीय कार्यालयों में कार्यरत शिक्षक (पंचायत/ नगरीय निकाय) जिनकी सेवाएं एक जुलाई 2018 को आठ वर्ष या उससे अधिक पूर्ण हो चुकी है, की सेवाओं का एक जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का निर्देश था जिसके अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी उत्तर बस्तर कांकेर द्वारा कुर्रे का एक जुलाई 2018 से सेवाएं स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन कर दी गई है।
कलेक्टर उत्तर बस्तर कांकेर द्वारा 10 सितम्बर 2022 को स्थानांतरण नाहरपुर ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला बगरुमपारा गट्टागुडूम से कोयलीबेड़ा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला छोटेपरा घोडागांव कर दिया गया। स्थानांतरण आदेश को चुनोती देते हुए कुर्रे ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप के जरिये रिट याचिका दायर की। याचिका के अनुसार वह सहायक शिक्षक (विज्ञान) के पद पर पदस्थ है और उनके स्थानांतरण से सहायक शिक्षक (विज्ञान) का पद रिक्त रह जायेगा।
याचिका की सुनवाई 29 सितम्बर .2022 को जस्टिस पीपी साहू के कोर्ट में हुई। जिसमे याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा यह तर्क दिया गया कि स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 की कंडिका 3.2 में परविधान है कि ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप किसी स्कूल में किसी विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या शून्य हो जाये |
हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता 10 दिन के अंदर अभ्यावेदन ट्रांसफर पालिसी 2022 के कंडिका 17 में गठित समिति के समक्ष पेश करेगा। अभ्यावेदन को समिति चार सप्ताह में निराकरण करना होगा। याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन के निराकरण तक स्थानांतरण आदेश के प्रभाव एवं क्रियान्वय पर रोक लगा दी।
[metaslider id="347522"]