नई दिल्ली,01अक्टूबर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक समग्र गैर-अपराधीकरण कानून लाने के जरिये व्यवसाय करने की सुगमता में उल्लेखनीय कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने नई दिल्ली में पीएचडी वाणिज्य चैंबर के 117वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कानूनों की धाराओं को अपराध की श्रेणी से बाहर करने से व्यवसायियों का उत्पीड़न समाप्त होगा तथा अनुपालन बोझ में कमी आएगी।
श्री गोयल ने पिछले कुछ वर्षों में किए गए सुधारों तथा उठाए गए रूपांतरकारी कदमों की चर्चा की और कहा कि सरकार ने सभी सेक्टरों और व्यवसायों में व्यापक रूप से आधारित तथा आम सहमति आधारित विकास मॉडल का अनुसरण किया है। उन्होंने चैंबर तथा सभी हितधारकों से संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपने फीडबैक तथा सुझाव देने का आग्रह किया जिससे कि उनके इनपुट को प्रस्तावित विधेयक में शामिल किया जा सके।
श्री गोयल ने कहा कि भारत-कनाडा एफटीए बातचीत वर्तमान में जारी हैं तथा सरकार एफटीए के माध्यम से भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए विकसित देशों तक अधिक बाजार पहुंच प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत विकसित देशों के साथ काम करता रहा है जो उच्च आय, उच्च उपभोग वाले देश हैं जिससे कि हमारे निर्यात को अधिकतम बनाया जा सके और इसकी वजह से देश में और अधिक रोजगार का सृजन होगा।
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उन्होंने कहा कि सरकार दोनों संबंधित पक्षों के लिए निष्पक्ष, संतुलित और न्यायसंगत एफटीए सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने उद्योग जगत से अपनी संरक्षणवादी मानसिकता को त्याग का आग्रह किया और कहा कि हमारी बातचीत ऐसे देशों के साथ है जहां नियम आधारित प्रणालियां हैं और पारदर्शी प्रक्रियाएं हैं।
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