नारायणपुर, 28 सितम्बर। प्रदेश के सर्वांगीण ग्रामीण विकास में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश के किसान कृशि कार्य के साथ-साथ दुग्ध व्यावसाय के लिए पशुपालन करते हैं। इन पशुओं में विभिन्न प्रकार के विशाणु जनित रोग होने के कारण जहां एक ओर कृशि कार्य प्रभावित होता है, दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं। इसके अलावा छोटे उम्र के बछड़े और बछिया की मृत्युदर भी बढ़ती है। इन रोगों से छुटकारा दिलाने के लिए शासन की मंशा के अनुपरूप जिले में सघन, खुरहा, चपका, टीकाकरण अभियान आगामी दो अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इस संबंध में कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा। इस संबंध में जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देशा दिये गये हैं।
उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें श्री पड़ौती ने जानकारी देते हुए बताया कि यह टीकाकरण अभियान अंतर्गत जिले के शत प्रतिशत पशुओं में कृमिनाशक दवापान, बाहय परजीवी नाशक दवापान छिड़काव के पश्चात् शत प्रतिशत पशुओं में टीकाकरण सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि खुरहा चपका एक संक्रामक बीमारी है, जिसमें मृत्यु दर नहीं होने के पश्चात पशु की कार्यक्षमता में कमी होने से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। इस कार्य हेतु ग्राम स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। अभियान के प्रति पशुपालकों को जागरूक करने हेतु क्षेत्र के जन प्रतिनिधि एवं शासन स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
सघन टीकाकरण अभियान हेतु जिले में नोडल अधिकारी, विकासखंड स्तरीय नोडल अधिकारी एवं टीकाकरण दल प्रभारी एवं सदस्यांे की नियुक्ति की गयी है। जिले में टीकाकरण अभियान के सुचारू संचालन हेतु डॉ दीपेश रावटे को नोडल अधिकारी, विकासखंड स्तरीय नोडल अधिकारी डॉ जागृति कृशान और डा. संध्या कश्यप को बनाया गया है। टीकाकरण हेतु 10 सेंटर बनाये गये है, जिनमें नारायणपुर, बेनूर, एड़का, सोनपुर, फरसगांव, रेमावंड, छोटेडोंगर, पल्ली, ओरछा और कोहकामेटा शामिल है।
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