रथ निर्माण कारीगरों ने संपन्न किया मगरमुही रस्म, आकार लेने लगा नया रथ

जगदलपुर, 28 सितंबर। बस्तर दशहरा के नये 8 चक्के के रथ निर्माण में अचान बनने के बाद 27 सितम्बर को मगरमुंही रस्म सम्पन्न की गई। इस रस्म में परंपरानुसार सात मोंगरी मछली और एक बकरे की बलि के साथ पूजा अनुष्ठान पूरा किया गया। अब नये रथ निर्माण कार्य का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा, इसके साथ ही रथ आकार लेने लगेगा, 8 चक्के का नया रथ 5 अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जायेगा जिसे भीतर रैनी पूजा विधान के साथ परिचान किया जायेगा।लकड़ी के नए रथ निर्माण के दौरान सम्पन्न की जाने वाली प्रमुख रस्मो में मंगलवार को मगरमुंही पूजा विधान संपन्न की गई। रथ निर्माण कार्य में सिद्धहस्त बढ़ई दलपति एवं कमल के द्वारा पारम्परिक रूप से हल्दी, कुंमकुंम, पान पत्ता, फल-फूल आदि के साथ पूजा अर्चना करने के बाद 7 मोंगरी मछली एवं एक बकरे की बलि दी गई।

इस संबंध में दलपति ने बताया कि लकड़ी के रथ के चक्के एवं अचान (एक्शल) बनने के बाद अचान में 08 चक्के को निपुणता के साथ बिठाने के पूर्व पूजा-अर्चना की जाती है। इस विधान को मंगरमुही रस्म कहते हैं। उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान मां दंतेश्वरी के साथ ही सात बहीन माताओं को आव्हान कर रथ निर्माण कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होने की प्रार्थना की जाती है।