राजनीति अब शतरंज नहीं सांप-सीढ़ी का खेल

0 शंकर पांडे,पहले भारत की राजनीति की तुलना शतरंज से की जाती थी कहा जाता था की शतरंज के खेल की तरह शह और मात राजनीति में भी होती है पर हाल ही में राजस्थान एपिसोड के बाद तो कहा जाने लगा है कि अब राजनीति शतरंज का नहीं सांप-सीढ़ी का खेल हो गया है कहां राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की स्थिति में थे और अब राजस्थान के सीएम बने रहने प्रयासरत हैँ… यह सांप सीढ़ी की ही तो राजनीति है कि 99के आंकड़े तक पहुंचे अशोक गहलोत खेल के चलते (खेल में सांप काटने पर नीचे आने का नियम है )सीधे 3पर आ गये हैं……


शतरंज के खेल में घोड़ा बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह चारों दिशाओं में से किसी एक में आवश्यकतानुसार ढ़ाई घर चल सकता है। यह आक्रमण में निर्णायक भूमिका निभाता है और सुरक्षा भी प्रदान करता है। इसकी चाल को समझना आवश्यक है।
वैसे मंत्री या वजीर सबसे शक्तिशाली मोहरा होता है, क्योंकि यह आगे-पीछे, आरे-तिरछे, अगल-बगल अपनी मर्जी एवं सुविधा से, कई घरों तक आ-जा सकता है।


खेल तो प्यादों से शुरू होता है। आगे वे ही बढ़ते हैं। आक्रमण एवं सुरक्षा, दोनों की रणनीति, उनकी चाल को ध्यान में रख कर बनाई जाती है। सबसे बड़ी बात है कि आगे बढ़ते हुए वे आवश्यकतानुसार मंत्री, घोड़ा, ऊँट, हाथी कुछ भी बन सकते हैं। उनके महत्व को कम करके नहीं देखा जा सकता।पर राजस्थान के वर्तमान हालात में यही प्यादे राजा का खेल बिगाड़ने में ही जाने अनजाने में लग गये……सचिन पायलेट तो खेल समाप्त होने के पहले ही न तो जीत की हालत में हैं न ही ड्रा की स्थिति में है…
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने क़ल ही देश विदेश के शतरंज के ग्रैंड मास्टओं के सम्मान समारोह में राजस्थान के राजनीतिक हालात पर टिप्पणी करने से स्वयं को नहीं रोक सके…. युवक कॉंग्रेस से राजनीति का क क ह रा सीखकर मप्र तथा बाद में मंत्रिमंडल के सदस्य, छ्ग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष होकर सीएम का सफऱ पूरा करने वाले भूपेश बघेल आजकल देश की राजनीति में छाए हुए हैं..

अपनी सफगोई के लिये भी वे जाने जाते हैं। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन, उतार चढ़ाव की राजनीति के अनुभव के आधार पर राजस्थान के राजनीतिक हालात पर उनका कहना है कि इतने अनुभवी राजनेता के समर्थकों ने ऐसा कदम कैसे उठा दिया…. उन्होंने कहा कि पहले राजनीति को शतरंज के खेल से जोड़ा जाता था पर अब राजस्थान के हालात को देखकर कहा जा सकता है कि अब राजनीति सांप -सीढ़ी का खेल हो गया है… उनका इशारा राजस्थान के सीएम तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की तरफ ही था… कहां वे कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल के राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष बनने की तरफ कदम बढ़ा चुके थे और अब के हालात में उन्हें सीएम पद बचाने जद्दोजहाद करना पड़ रहा है… अशोक गहलोत के पिता जादूगर थे… अशोक को भी जादूगरी विरासत में मिली थी… पर इस समय के हालात जाहिर कर रहे हैँ कि उनका जादू नहीं चल पाया… किरकिरी तो हुई साथ ही वर्षों से गाँधी परिवार के प्रति उनका विश्वास भी टूट सा गया है……