कानपुर,25 सितम्बर। यूपी के कानपुर में डेढ़ साल तक माता-पिता लगातार अपने बेटे के शव की देखभाल करते रहे। परिवार के अन्य सदस्य भी कुछ नहीं बोले। पत्नी की ओर से आयकर विभाग को की गई शिकायत पर शुक्रवार को जब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ। यह सनसनीखेज वाकया रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर का है। आर्डनेंस फैक्टरी से रिटायर्ड कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में परिवार के साथ रहते हैं। उनके तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा विमलेश (35) अहमदाबाद में आयकर विभाग में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर (एएओ) के पद पर था। विमलेश की पत्नी मिताली किदवईनगर स्थित सहकारिता बैंक में कार्यरत हैं। पिता राम औतार ने पुलिस को बताया कि 18 अप्रैल 2021 को विमलेश को निमोनिया होने पर बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां उपचार के दौरान 22 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई थी।
अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाणपत्र देते हुए विमलेश के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। घर आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।तभी से माता-पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर देखभाल कर रहे थे। घर पर विमलेश की पत्नी मिताली के अलावा विमलेश के भाइयों सुनील, दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।
शुक्रवार दोपहर डिप्टी सीएमओ डॉ. ओपी गौतम के साथ स्वास्थ विभाग की टीम और एसीपी कल्याणपुर दिनेश कुमार शुक्ला फोर्स संग घर पहुंचे। टीम ने विमलेश का परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया।शव कब्जे में लेने के दौरान माता–पिता ने विमलेश के जिंदा होने की बात कहकर हंगामा शुरू कर दिया। दावा कर रहे थे कि विमलेश कोमा में हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हालांकि परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
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