बिलाईगढ़ , 24 सितम्बर। बिलाईगढ़ के अंतर्गत ग्राम धनसिर में दो पक्षों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा हैं। जहाँ पीड़ित सम्मेलाल साहू की माने तो सन 1960 से लेकर अब तक कुल लगभग 17–18 एकड़ जमीन पर काबिज है। जिसमें से 5 एकड़ जमीन पर इन्होंने फलदार वृक्ष लगाकर बागान तैयार किये है। जिसमें आम कटहल और नींबू का पेड़ लगाया गया हैं। तथा 7 एकड़ जमीन पर फसल लगा हुआ है। जिसके उपरांत बचे जमीन को कुछ कार्य हेतु खाली रखा गया है उसी जमीन पर गाँव के ही अन्य लोग अवैध कब्जा कर डबरी निर्माण कर लिये है। जिसका सीमांकन के लिये राजस्व विभाग बिलाईगढ़ में आवेदन प्रस्तुत कर अपनी जमीन निकालकर देने मांग किया गया था जिस आधार पर तीन दिन पहली राजस्व विभाग और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सीमांकन किया गया परंतु नक्शे के आधार पर सीमांकन नहीं होने से सम्मेलाल ने नाराजगी जाहिर किया था।
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वहीं पीड़ित ने आगे बताया कि 2008 में गाँव के अन्य लोंगों को वन अधिकार के तहत पट्टा दिया गया है। जिन्हें आज इनके काबिज जमीन पर बताकर परेशान किया जा रहा है। जबकि इनके पास उक्त भूमि का सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं। वहीं पीड़ित सम्मेलाल साहू ने 200/11 के जमीन में पटवारी द्वारा छेड़ खानी करने का व जमीन नापकर नहीं देने का गंभीर आरोप लगाया है।इधर दूसरा पक्ष मालिक राम ने कहाकि अपने दादा परदादा द्वारा विगत 60–70 साल से कब्जा कर रखा है। जिस पर एक छोटा सा डबरी निर्माण किया गया है। साथ ही साथ इन्हें भी वन अधिकार के तहत जमीन का पट्टा दिया गया है। जो जमीन सम्मेलाल के काबिज जमीन पर स्थित है। जिस पर अवैध कब्जा कर हटाने को लेकर नोटिस जारी कर आज फिर पुनः संयुक्त टीम द्वारा सीमांकन हेतु नाप करवाया गया। ऐसे में अब यह मामला उच्चस्तर में जांच का विषय बन गया है। बहरहाल अब देखना होगा कि पीड़ित सम्मेलाल साहू को क्या कुछ न्याय मिल पाता है ।
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