बलौदाबाजार,21 सितम्बर । अब सिंचाई के लिए सोलर पंपों पहचान की आवश्यकता नहीं है। किसानों की जागरूगता के कारण अब कोई गांव सोलर पंप की स्थापना से वंचित नहीं रहा है। सोलर पंप स्थापना से कृषकों की आय में दोगुना बढ़ोतरी होने के साथ कृषकों की ओर से लगातार सोलर पंप स्थापना के लिए मांग की जा रही है। क्रेडा की ओर से अब तक कुल 4 हजार 305 नग पंप स्थापित किये जा चुके है। कृषकों के साथ–साथ गौठान व चारागाहों में भी सोलर पंप स्थापित किये जा रहे हैं। कई ऐसे ग्राम हैं जहां पर 15 से 20 नग पंप स्थापित हैं। राज्य शासन की ओर से सौर सुजला योजना अंतर्गत स्थापित की जाने वाली सोलर पंप का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण व संवर्धन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिल रही है।
कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि सौर सुजला योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली है और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। किसानों को विद्युत हेतु किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है जिससे किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिली है। सोलर पंप स्थापना से शासन के करोड़ों रुपए की बिजली की बचत हो रही है व जमीन के दोहन, कोयला की बचत व कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड व धुंए से मुक्ति मिल रही है। कसडोल विकासखंड के बारनवापारा क्षेत्रांतर्गत वनांचल क्षेत्र के ग्राम ढेबी व ढेबा में कृषकों की जागरूकता के कारण लगभग 224 कृषकों के खेतों में सोलर पंप स्थापित हुआ है। जिसमें अधिकांश पंप गांव के नदी, कुंआ व बोरवेल में स्थापित है जो कि सबमर्सिबल, सरफेस पंप हैं।
ग्राम ढेबा निवासी कार्तिक राम के खेत में 5 एचपी क्षमता के सोलर पंप स्थापित है, जहां पर लगभग 4 एकड़ जमीन पर खेती की जाती है, ग्राम मे परम्परागत विद्युत उपलब्ध नहीं हुई है, यह पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा पर आधारित है। कार्तिक राम व अन्य निवासी मेहताब सिंह ने बताया कि पहले सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण मॉनसून पर निर्भर रहते थे, समय पर बारिश नहीं होने के कारण फसल बर्बाद हो जाती थी। सोलर पंप लगने के पहले कुल जमीन से आय लगभग 1 लाख 50 हजार रुपए होती थी। सोलर पंप लगने से उसी खेत में अब सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होने से 5-6 लाख रुपए के धान का उत्पादन हो रहा है। धान की फसल कटने के बाद गेहूं, चना, सब्जी जैसे बैंगन, गोभी, बरबट्टी, टमाटर का उत्पादन करते हैं। जिसमें लगभग 40 से 50 हजार रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है।
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इसी तरह ग्राम दोंद के निवासी जतीराम ने बताया कि वह कृषि विभाग से प्रेरणा लेकर नाला के किनारे में सोलर पंप लगाये। गांव में कुल 96 कृषकों के यहां सोलर पंप लगा है। 4 एकड़ जमीन में अब पानी की पूर्ति होने के बाद सालाना 30 से 40 हजार रुपए का आय प्राप्त हो रही हैं। इसके अतिरिक्त जिलें के बहुत से ग्राम जैसे हरदी 74 नग, कौहाबाहरा 45 नग, छतालडबरा 25 नग, मुडपार 93 नग व ग्राम रवान में 58 नग सोलर पम्प स्थापित किया गया हैं। राज्य शासन की ओर से सौर सुजला योजना अंतर्गत स्थापित की जाने वाली सोलर पंप का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना है।
सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण व संवर्धन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिल रही है। सहायक अभियंता गणेश प्रसाद साहू ने बताया कि सौर सुजला योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली है और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। किसानों को विद्युत के लिए किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है, जिससे किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिली है। सोलर पंप स्थापना से शासन के करोड़ों रुपए की बिजली की बचत हो रही है व जमीन के दोहन, कोयला की बचत व कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड व धुंए से मुक्ति मिल रही है।
यह उन किसानों के लिये लाभदायी है, जिसके पास सिंचाई हेतु उचित व्यवस्था नहीं होती है या किसान के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वहन न करने की स्थिति में केवल मानसून पर ही निर्भर रहते हैं। वर्षा होने का इंतजार करते हैं। जिससे कृषक आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन की पहल व वित्तीय सहयोग से क्रेडा की ओर से सौर सुजला योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप की स्थापना का कार्य किया जा रहा हैं। जिले के किसान बंधु इस योजना का लाभ लेना चाहते वह जिला मुख्यालय स्थित क्रेडा आफिस पहुंचकर योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस योजना के लाभ लेने के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, खेती योग्य भूमि के कागजात, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेजों का होना आवश्यक है।
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