IAF की ताकत में होगा इजाफा : 3 अक्टूबर को बेड़े में शामिल होंगे हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर

नई दिल्ली,17 सितम्बर। रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को जल्द ही बड़ा बूस्ट मिलने वाला है। देश की सुरक्षा में इजाफा करने के लिए भारतीय वायु सेना 3 अक्टूबर को जोधपुर में भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर (LCH) को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। वायु सेना में शामिल होने वाले ये नए हेलिकाप्टर न सिर्फ हवाई युद्ध में सक्षम हैं, बल्कि संघर्ष के दौरान धीमी गति से चलने वाले विमानों, ड्रोन और बख्तरबंद गाड़ियों को तबाह करने का भी मादा रखते हैं। बेड़े में शामिल करने के समारोह का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। राजनाथ ने स्वदेशी सुरक्षा उपकरणों को सेना में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

5,000 मीटर से टेक आफ और लैंड करने में सक्षम
राजनाथ सिंह उस कैबिनेट कमेटी में भी मौजूद थे, जिसने वायु सेना और सेना के लिए इनमें से 15 एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी। स्वीकृत 15 सीमित श्रृंखला के उत्पादन हेलीकाप्टरों में से 10 भारतीय वायुसेना के लिए और पांच सेना के लिए हैं। अधिकारियों के अनुसार यह हथियारों और ईंधन को ले जाने का भी कार्य कर सकते हैं। सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लद्दाख और रेगिस्तानी क्षेत्र में इन हेलिकाप्टरों को तैनात किया गया है।

एलसीएच की खूबियां
लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है। वहीं अपाचे का वजन करीब 10 टन है। वजन कम होने के चलते ये हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है। एलसीएच में फ्रांस से खास तौर से ली गईं ‘मिस्ट्रल’ एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाली और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल लग सकती हैं। एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं। इसके अलावा एलसीएच की नोज़ यानि फ्रंट में एक नेक्सटर THL-20 M621 20mm की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है। पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिस्प्ले हो जाते हैं।

4 सालों में कई हेलीकाप्टर बेड़े में हुए शामिल
बता दें कि भारतीय वायुसेना ने पिछले तीन-चार वर्षों में चिनूक, अपाचे अटैक हेलीकाप्टर और अब एलसीएच को शामिल करने के साथ कई हेलीकाप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया है। IAF अब चिनूक हेलिकाप्टरों में महिला पायलटों को भी तैनात कर रहा है, जो उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर अपना जिम्मा संभालेंगे।