0.कोरबा वनमंडल में असंभव भी संभव हुआ..!
कोरबा,17 सितंबर (वेदांत समाचार)। वन मंडल में भ्रष्ट कारगुजारियों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। कैम्पा मद हो या डीएमएफ की राशि से होने वाले कार्य अथवा विभागीय मद के निर्माण सहित अन्य कार्यों में गुणवत्ताहीनता, राशि की बंदरबांट पर कमीशनखोरी के मामले में कोरबा जिले का कोरबा व कटघोरा वनमंडल चर्चित रहा है। अभी कोरबा वनमंडल में बालको रेंज अंतर्गत ग्राम दूधीटांगर से फुटका पहाड़ के मध्य 14 किलोमीटर की सड़क का गैरजरूरी निर्माण के एवज में लगभग 5 करोड़ रुपए गड़बड़झाला का मामला/शिकायत ठंडा नहीं पड़ा है कि कार्यालय में नियम विरुद्ध लेखा अधीक्षक की पदस्थापना की सांठगांठ उजागर हुई है।
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विभागीय पत्र बताते हैं कि सहायक ग्रेड-1 अशोक कुमार वाहने को मई 2022 में पदोन्नत कर लेखा अधीक्षक बनाया गया है। इनकी पदस्थापना कार्यालय, मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त में की गई है। आदेश के पालन में श्री वाहने ने 2 जून 2022 को वृत्त कार्यालय बिलासपुर में उपस्थिति दी। उन्होंने पारिवारिक समस्या का उल्लेख करते हुए आवेदन देकर ड्यूटी कोरबा वनमंडल में लगाने हेतु निवेदन किया। इस संबंध में कोरबा डीएफओ ने मुख्य लिपिक का कार्य प्रभावित होने के कारण श्री वाहने, लेखा अधीक्षक की ड्यूटी कोरबा वन मंडल में लगाए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया। इस पत्र के संबंध में अशोक कुमार वाहने के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ड्यूटी कोरबा वन मंडल में लगाने संबंधी आदेश 20 जून 2022 को मुख्य वन संरक्षक द्वारा जारी किया गया। आदेश के बाद से श्री वाहने कोरबा में पदस्थ हैं।
दूसरी ओर श्री वाहने की यह पदस्थापना नियम विरुद्ध है क्योंकि इस तरह का कोई पद स्वीकृत ही नहीं है। प्रकरण में मांगी गई जानकारी पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, रायपुर कार्यालय से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने अवगत कराया है कि लेखा अधीक्षक का पद वृत्त कार्यालय बिलासपुर में स्वीकृत है। उक्त पद के विरुद्ध अशोक कुमार वाहने को पदोन्नति उपरांत पदस्थिति दी गई है। कोरबा वन मंडल में लेखा अधीक्षक का कोई पद स्वीकृत ही नहीं होने के कारण अशोक कुमार वाहने, लेखा अधीक्षक को कोरबा वन मंडल कार्यालय में पदस्थ किया जाना संभव नहीं है। इस तरह नियम के विरुद्ध जाकर बिलासपुर और कोरबा वन मंडल में अधिकारियों ने सांठ-गांठ किया है जिसके तार कहीं न कहीं भ्रष्ट कार्यों से जोड़े जा रहे हैं। विभागीय विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इसी तरह कोरबा वन मंडल में एक ऐसा कर्मी भी कार्यरत है जिसका तबादला पूर्व में बिलासपुर के लिए हो चुका है और रिलीव कर दिए जाने पर वहां ज्वाइनिंग देने के बाद कोरबा में ही ड्यूटी कर रहा है और वेतन भी यहीं से ले रहा है। विभागीय तौर पर होने वाले तबादला का पालन भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।
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