कोरबा,13 (वेदांत समाचार)। कोरबा जिले में लगातार हो रही बारिश से कोयला खदानों के कोयले की खनन में कमी आई हैं। खदान में बड़ी गाड़ी चलाने में ख़तरा बना हुआ है। जिसके कारण उत्पादन प्रभावित हो रहा , राजस्व में भी कमी वर्षा की वजह से खदानों में कोयला उत्पादन का लक्ष्य कम कर दिया जाता है। इसके बावजूद खदान अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं कर पा रही। माह अगस्त के उत्पादन पर नजर डाली जाए, तो South Eastern Coalfields Limited एसईसीएल को 116.3 लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य मिला था, पर कंपनी 94.6 लाख टन कोयला ही उत्पादन सकी। वहीं लदान भी 127.1 के मुकाबले 114.1 लाख टन हो सका। उत्पादन कम होने का असर राज्य शासन को मिलने वाले राजस्व पर भी पड़ रहा है। एसईसीएल से खनिज विभाग को सर्वाधिक राजस्व मिलता है, पर उत्पादन कम होने से राजस्व में भी गिरावट आ रही है।
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कैसे पूरा होगा 200 के पार का संकल्प
South Eastern Coalfields Limited एसईसीएल के सीएमडी डा प्रेमसागर मिश्रा ने अधिकारी- कर्मचारी व श्रमिक संगठन की संयुक्त अधिवेशन में अबकी बार 200 के पार का नारा दिया था। यानी चालू वित्तीय वर्ष में 200 मिलियन टन (2000 लाख टन) उत्पादन करना है, पर एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं में लगातार हो रहे आंदोलन की वजह से स्थिति यह हो गई है कि 2000 तो दूर कंपनी के लिए निर्धारित 1820 लाख टन उत्पादन करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि South Eastern Coalfields Limited एसईसीएल के समक्ष अभी 200 दिन शेष हैं और सीएमडी समेत सभी आला अफसर निचले क्रम के अधिकारी व कर्मचारियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि उत्पादन बढ़ा कर लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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अब तक 580 लाख टन कोयला उत्पादन
South Eastern Coalfields Limited एसईसीएल की खदानों ने अभी तक लगभग 580 लाख टन कोयला उत्पादन कर लिया है, लेकिन इस अवधि में 720 लाख टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया था। कंपनी अपने लक्ष्य से पीछे चल रही है। इसी तरह लदान में 730 लाख टन के एवज में 665 लाख टन कर चुकी है। प्रबंधन का कहना है कि वर्तमान में भले ही उत्पादन व लदान में पीछे हैं, पर पिछले वर्ष की तुलना में यह 20 प्रतिशत अधिक है। कंपनी से प्रतिदिन लगभग 3.50 लाख टन कोयला उत्पादन 3.85 लाख टन लदान हो रहा है।
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