Swami Swaroopanand Saraswati: द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य को आज दी जाएगी समाधि, दर्शन को पहुंच रहे लोग

द्वारका-शारदा पीठ और ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) के पार्थिव शरीर का आज मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर (Narsinghpur) स्थित आश्रम में शाम चार बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।उन्हें आश्रम ( aashram)में समाधि (Bhu-Samadhi) दिलवाई जाएगी।कल दोपहर करीब साढ़े तीन बजे 99 साल की उम्र में उनका निधन ( death)हो गया था।

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर को आज नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में भू-समाधि दिलाई जाएगी। फिलहाल परमहंसी गंगा आश्रम के पास मणिदीप आश्रम में शंकराचार्य ( shankracharya)का पार्थिव शरीर रखा गया है, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है। समाधि स्थल की खुदाई का काम पूरा हो गया है। शंकराचार्य के पार्थिव शरीर को पालकी में बैठाकर समाधि स्थल तक लाया जाएगा।पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने शंकराचार्य के निधन( death) पर शोक व्यक्त किया है।स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितंबर 1924 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले दिघोरी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता ने उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था. नौ वर्ष की उम्र में वह घर छोड़ धर्मयात्रा पर निकल गए थे. उन्होंने काशी में करपात्री महाराज से वेदांत की शिक्षा ली थी. जब वह युवा थे, उस समय देश में आजादी के लिए आंदोलन चल रहे थ।शंकराचार्य ने भी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया और 19 वर्ष की उम्र में वह क्रांतिकारी साधु के तौर पर पहचाने जाने लगे।

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