अपनी पहली ही स्पर्धा में रवीशा ने बढ़ाया मान, पियानो में बनी नेशनल विनर


0.कृषि कॉलेज बिलासपुर में हुई नृत्य-संगीत प्रतियोगिता प्रणवम-2022 में जीता राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान

कोरबा,08 सितम्बर (वेदांत समाचार)।अपने कठिन परिश्रम व अनोखी प्रतिभा के बूते कोरबा की नन्हीं बिटिया रवीशा ने छोटी उम्र में बड़ा कमाल कर दिखाया। उसने नृत्य व संगीत पर आधारित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में की-बोर्ड प्लेइंग की अपनी विधा का सुंदर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि यह उसके जीवन की पहली ही प्रतियोगिता था, जिसमें उसने उत्कृष्ट प्रस्तुति देते हुए न केवल सभी को भाव-विभोर किया, अव्वल स्थान भी हासिल किया।
बाल्कोनगर में रहने वाली रवीशा को संगीत में काफी रूची रही, जिसे समझते हुए उसके इस हुनर को गति देने की जुगत माता-पिता ने शुरू कर दी। अब तक वह घर पर ही अभ्यास करती रही और यह पहली बार है, जो वह अपनी प्रतिभा का आंकलन करने किसी प्रतियोगिता का हिस्सा बनी। अपनी पहली ही स्पर्धा में उसने राष्ट्रीय स्तर पर विजेता का खिताब हासिल कर अपने कौशल का परिचय दिया है। उल्लेखनीय होगा कि बीते दिनों कृषि महाविद्यालय बिलासपुर के आडिटोरियम में ए फेस्टिवल एंड नेशनल लेवल कॉम्पिटीशन आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में साई नृत्य निलायम (ए प्रीमियर इंस्टिट्यूट आफ इंडियन क्लासिकल डांस इन सेंट्रल इंडिया) के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर की नृत्य एवं सगीत प्रतियोगिता प्रणवम-2022 का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता की संगीत विधा के अंतर्गत की-बोर्ड प्लेइंग (पियानो) में रवीशा अरोरा ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। रवीशा डॉ. विवेक अरोरा व श्रीमती दीपशिखा अरोरा की सुपुत्री है। वह डीपीएस बाल्को में रवीशा कक्षा चतुर्थ की स्टूडेंट है। अपनी संगीत प्रतिभा (पियानो वादन) के बूते हासिल की गई इस सफलता से रवीशा ने न केवल बाल्को व कोरबा, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को गौरवांन्वित किया है। अपने स्कूल की होनहार स्टूडेंट की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए डीपीएस बाल्को के प्राचार्य कैलाश पवार एवं संगीत गुरु मोरध्वज वैष्णव ने उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया है।

बाक्स
यू-ट्यूब पर देखकर सीखती रही, कड़ा अभ्यास किया
रवीशा के पिता डॉ. विवेक अरोरा ने बताया कि उनकी बेटी ने घर के बाहर कहीं कोई प्रशिक्षण नहीं लिया, बल्कि अपनी रूची के अनुरूप उसने स्वयं ही बेहतर सीखने की कोशिश में इंटरनेट पर जरिया तलाश कर लिया। रवीशा ने यू-ट्यूब के माध्यम से ही अपने इस हुनर को बेहतर करने के प्रयास में जुटी रही। इस कोशिश में रवीशा की मां श्रीमती दीपशिखा अरोरा सतत मदद एवं प्रोत्साहन प्रदान कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की पहली स्पर्धा के साथ नेशनल में टॉप स्थान हासिल करने की पहली उपलब्धि पर उन्हें अपनी बिटिया पर नाज है।