तीन माह बाद शुरू हुआ अबिकापुर के चांदनी चौक का सिग्नल, फिर भी अव्यवस्था

अंबिकापुर,08 सितम्बर। अंबिकापुर शहर के कई चौराहे का ट्रैफिक सिग्नल महीनों से बंद है। रिंग रोड के प्रमुख चांदनी चौक का सिग्नल तीन माह बाद किसी तरह चालू हुआ पर यहां अभी भी यातायात की भारी अव्यवस्था है। रेड लाइट में ही लोग आवागमन कर रहे हैं। यहां समझाइश देने यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात नहीं होता। ट्रैफिक सिग्नल चालू होने से यहां की व्यवस्था और भी बिगड़ी नजर आ रही है। भारी वाहनों की रफ्तार से कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। पुलिस प्रशासन इस भीड़भाड़ वाले चौराहे को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है।

गौरतलब है कि शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहों पर तीन वर्ष पूर्व ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। इनमें कई ट्रैफिक सिग्नल संकीर्ण चौराहा होने के कारण अब तक शुरू नहीं हो पाया है। शहर के महामाया चौक, संगम चौक सहित कई ऐसे प्रमुख चौराहा है जहां ट्रैफिक सिग्नल लगाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका है। सबसे खतरनाक चौराहा रिंग रोड का चांदनी चौक है। यह चार नहीं बल्कि पांच मार्गों को जोड़ता है। बीच बस्ती में होने के कारण चारों ओर से लोगों का आवागमन होता है। इसके अलावा दूसरे प्रांतों में जाने वाले भारी वाहनों एवं बसों की आवाजाही भी इसी चौराहे से होकर होती है।

गत वर्ष चांदनी चौक में भी ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया किंतु शुरुआती दिनों से यह ट्रैफिक सिग्नल तकनीकी खामियों के दौर से गुजरने लगा। सभी दिशाओं से इसकी टाइमिंग सही न होने के कारण लोग इसका इंतजार भी नहीं करते और रेड सिग्नल में ही अंदर आने लगते हैं। यहां पर ट्रैफिक सिग्नल का पालन करते लोग नजर नहीं आते। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इधर लगभग तीन माह से ट्रैफिक सिग्नल बंद था। दो दिन पूर्व ट्रैफिक सिग्नल तो चालू तो करा दिया गया पर सिग्नल का पालन नहीं हो रहा है। इस भीड़ भाड़ वाले चौराहे पर एक अदद पुलिसकर्मी भी तैनात नहीं है जो लोगों को कुछ दिनों तक ट्रैफिक सिग्नल के नियमों की जानकारी दें और ट्रैफिक सिग्नल के हिसाब से चौराहे को पार करना बता सके।चांदनी चौक के आसपास कई निजी व शासकीय स्कूल हैं। हर रोज सैकड़ों बच्चों का एसी चौराहे से आना जाना होता है। इन दिनों चौराहे पर गणेश उत्सव का आयोजन हो रहा है। ऐसे में भीड़ भाड़ भी पूरे दिन रह रही है। चौक के फुटपाथ पर भी सब्जी दुकान का संचालन हो रहा है। इन सब पर भी नगर निगम को रोक नहीं लगा रहा।चौक की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।

नगर के अंबिकापुर, मनेंद्रगढ़ मार्ग व बनारस मार्ग को जोड़ने वाला अंबेडकर चौक यातायात के दृष्टिकोण से काफी समस्याग्रस्त है। इस चौक पर भी हर रोज लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। यहां ट्रैफिक सिग्नल पहले ही लगा दिया गया था पर यह चालू नहीं किया गया था। दो दिन पहले ही इस चौक पर सिग्नल चालू कर दिया गया है।

लोगों को जागरूक करना होगा

शहर में यातायात व्यवस्था पहले से चरमराई हुई है। इसे व्यवस्थित करने चौक, चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल को चालू कराया जा रहा है। केवल ट्रैफिक सिग्नल को चालू करने से काम नहीं चलेगा। यातायात पुलिस को इन चौराहों पर खड़े होकर लोगों को इसका पालन कराने जागरुक करना होगा। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण नगर का गांधी चौक है। यहां ट्रैफिक सिग्नल बेहतर है और यहां यातायात पुलिसकर्मी लगातार मौजूद रहते हैं और गलती करने वालों को सबक भी सिखाते हैं। यहां लोग भी ट्रैफिक सिग्नल को लेकर सजग रहते हैं। इसी तरह हर चौराहे पर यातायात पुलिसकर्मी तैनात कर कुछ दिनों के लिए व्यवस्था बनानी होगी।

नगर के अंबिकापुर, मनेंद्रगढ़ मार्ग व बनारस मार्ग को जोड़ने वाला अंबेडकर चौक यातायात के दृष्टिकोण से काफी समस्याग्रस्त है। इस चौक पर भी हर रोज लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। यहां ट्रैफिक सिग्नल पहले ही लगा दिया गया था पर यह चालू नहीं किया गया था। दो दिन पहले ही इस चौक पर सिग्नल चालू कर दिया गया है।

लोगों को जागरूक करना होगा

शहर में यातायात व्यवस्था पहले से चरमराई हुई है। इसे व्यवस्थित करने चौक, चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल को चालू कराया जा रहा है। केवल ट्रैफिक सिग्नल को चालू करने से काम नहीं चलेगा। यातायात पुलिस को इन चौराहों पर खड़े होकर लोगों को इसका पालन कराने जागरुक करना होगा। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण नगर का गांधी चौक है। यहां ट्रैफिक सिग्नल बेहतर है और यहां यातायात पुलिसकर्मी लगातार मौजूद रहते हैं और गलती करने वालों को सबक भी सिखाते हैं। यहां लोग भी ट्रैफिक सिग्नल को लेकर सजग रहते हैं। इसी तरह हर चौराहे पर यातायात पुलिसकर्मी तैनात कर कुछ दिनों के लिए व्यवस्था बनानी होगी।