Uttar Pradesh के Lakhimpur Kheri जिले की Gola assembly seat से पांचवी बार विधायक बने अरविंद गिरि का हार्ट अटैक से निधन हो गया. उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है.
बताया जाता है कि अरविंद गिरि लखनऊ में मीटिंग में शामिल होने जा रहे थे, तभी रास्ते में यानी सिधौली के पास बीजेपी विधायक अरविंद गिरि को चलती गाड़ी में हार्ट अटैक आ गया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
अरविंद गिरि के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है. सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लखीमपुर खीरी जिले के गोला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अरविंद गिरि का निधन अत्यंत दुखद है, मेरी शोक संवेदनाएं संतप्त परिजनों के साथ हैं, प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुख सकने की शक्ति प्रदान करें.
30 जून 1958 को जन्मे अरविंद गिरि ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी से की थी. 1995 में वह रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला नगर पालिकाध्यक्ष बने थे. इसके बाद 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर 49 हजार मत पाकर विधायक बने. 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने.2002 में सपा के टिकट पर अरविंद गिरि दूसरी बार विधायक बने. 2005 में सपा शासनकाल में उन्होंने अपने भाई की पत्नी अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया. 2007 में नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया. फिर 2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार विधायक बने. 2012 का चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर जीते.लेकिन 2017 में अरविंद गिरि ने पाला बदल लिया और बीजेपी के साथ आ गए. बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और वह गोला विधानसभा से चौथीं बार विधायक बने. 2022 में भी अरविंद गिरि ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. अरविंद गिरि का सियासी कद काफी बढ़ा था. यही वजह है कि वह लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते थे. उनके निधन पर पूरे जिले में शोक की लहर है.
[metaslider id="347522"]