मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी ,6 सितम्बर। जिले के अम्बागढ़ चौकी विकासखण्ड के ग्राम कौड़ीकसा में रविवार को आदिवासी प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक राजनांदगाॅव प्रफुल्ल ठाकुर उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अभियंता मर्चेंट नेवी भारत शासन हिरेसिंह घावड़े ने किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में गोण्डवाना समाज के अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष चन्द्रेश ठाकुर, कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रीडर डाॅ. आशुतोष मण्डावी, गोण्डवाना समाज के युवा प्रभाग के संभागीय अध्यक्ष अंगद सलामे, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद गोटे, गोण्डवाना समाज के तहसील अध्यक्ष संतकुमार नेताम, पूर्व संभागीय अध्यक्ष जगत सलामे, सरपंच कौड़ीकसा योगेश कोड़ापे, बीरबल उईके, लोचन सिंह कुंजाम, लखन सोरी, फनेश्वर पिथौरा, नीलकंठ कोमरे एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रफुल्ल ठाकुर ने कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले सभी प्रतिभाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को किसी प्रकार का अभाव या कमी व्यक्ति को लक्ष्य हासिल करने में बाधा नहीं बन सकती। उन्होंने जीवन में उपलब्धि हासिल करने के लिए कठोर परिश्रम एवं दुर्गुणों से दूर रहने की समझाईश दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिरे सिंह घावड़े ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति और लक्ष्य के प्रति समर्पण सफलता का मूलमंत्र है। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन संघर्षों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुरूषार्थी व्यक्ति हर विपरित परिस्थितियों में सफलता का सोपान तय कर सकता है। विशेष अतिथि चन्द्रेश ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक विश्व विभूति विपरित परिस्थितियों में ही निखरे हैं। चुनौतियाॅ और अभाव हमको और अधिक परिष्कृत और परिमार्जित करती हैं। उन्होंने शिक्षा और ज्ञान को समाज के विकास के लिए ब्रम्हास्त्र बताते हुए प्रत्येक विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम कर अपने लक्ष्य को हासिल कर स्वयं तथा माता-पिता एवं समाज का नाम रौशन करने की अपील की। डाॅ. आशुतोष मंडावी ने इस महत्वपूर्ण आयोजन की भूरी-भूरी सराहना करते हुए समाज के प्रतिभाओं को बधाई दी। तहसील अध्यक्ष संतकुमार नेताम ने इस आयोजन को समाज के प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें नई दिशा देने के लिए मील का पत्थर बताया। इस अवसर पर पी.आर.नायक, भूपेन्द्र मण्डावी, प्रकाश नेताम, राकेश नेताम सहित अन्य समाज प्रमुख एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
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