धमतरी,3 सितंबर । प्रदूषण का आंखों पर गहरा असर पड़ता है। इसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश के मौसम में संक्रमण फैलने और प्रदूषण के चलते नेत्र रोग की समस्या बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार माह भर में आंखों का उपचार कराने वालों की संख्या 300 के पार हो गई है।
इन दिनों जिला अस्पताल में सामान्य दिनों की अपेक्षा उपचार के लिए नेत्र रोगियों की भीड़ लग रही है। जब से बारिश का सीजन शुरू हुआ है, नेत्र रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 10 से 15 मरीज आंखों का उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले एक माह में करीब 350 से अधिक नेत्र रोगियों की पहचान कर उनका उपचार किया गया है। इनमें आंखों में जलन, धुंधलापन समेत अन्य नेत्र संक्रमण के मरीजों की संख्या अधिक है। ऐसे में नेत्र रोगियों को जरूरी सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। उधर वर्तमान में संक्रमण का असर आंखों में भी देखने को मिल रहा है। इस तरह की परेशानी होने पर आंखों को ठंडे पानी से धोकर चिकित्सकों से जांच कराने की अपील की जा रही है।
जिला अस्पताल धमतरी नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ, राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि आजकल युवा कम्प्यूटर और मोबाइल में ज्यादा समय बीता रहे हैं। जबकि इसके स्क्रीन से लगातार खतरनाक विकिरण निकलता है। अधिक समय तक इसके संपर्क में रहने से आंखों की रेटिना पर इसका दुष्प्रभाव तेजी से पड़ता है। इससे आंखों में थकान, धुंधलापन और मोयोपिया की शिकायत भी बढ़ रही है।जिला अस्पताल धमतरी नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. जेएस खालसा ने कहा कि बारिश में संक्रमण होने पर आंखों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। संक्रमण होने पर तत्काल मरीजों को चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए। मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है। शहर के अंदर दिनभर उड़ती धूल का भी असर आंखों पर पड़ता है। जहां तक संभव हो चश्मा पहन कर ही सड़क पर चलें।
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