लापरवाही की भेंट चढ़ी गणवेश योजना, 24 लाख स्कूली बच्चों को केवल एक सेट ही मिला यूनिफार्म

32 लाख स्कूली बच्चों को दो-दो सेट निश्शुल्क यूनिफार्म दिया जाना है। अभी तक केवल आठ लाख बच्चों को ही दो सेट यूनिफार्म मिल पाई।

अफसरों की लापरवाही के कारण राज्य सरकार की निश्‍शुल्‍क गणवेश योजना खटाई में पड़ गई है। आलम यह है कि 16 जून से स्कूल खुलने के दो महीने के बाद भी नौनिहालों को सरकारी यूनिफार्म केवल एक सेट ही मिल पाया है। नतीजा यह हो रहा है कि पूरे एक सप्ताह तक विद्यार्थी एक ही यूनिफार्म पहनने के लिए मजबूर हैं। जिस दिन बारिश या गंदगी के कारण यूनिफार्म में दाग लग जाता है उस दिन विद्यार्थियों को बिना यूनिफार्म के ही स्कूल आने की मजबूरी हो गई है।

इस सत्र में 32 लाख स्कूली बच्चों को दो-दो सेट निश्शुल्क यूनिफार्म दिया जाना है। अभी तक केवल आठ लाख बच्चों को ही दो सेट यूनिफार्म मिल पाई है। इसकी वजह स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से हाथकरघा विभाग को समय पर आर्डर नहीं मिल पाना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 28 लाख बच्चों को यूनिफार्म दिया गया था। इस वर्ष बच्चों की संख्या तीन लाख अधिक है। यूनिफार्म के लिए स्कूल शिक्षा विभाग का 205 करोड़ रुपये बजट है। इसमें पहली से आठवीं तक के बच्चों को दो-दो सेट यूनिफार्म देना अनिवार्य होता है।

बुनकर समितियों को देर से मिला काम

जानकारी के अनुसार इस बार यूनिफार्म बनाने के लिए काम देरी से शुरू हुआ है। वहीं प्रदेश के बुनकरों को कपड़ा बनाने में भी देरी हो रही है। बता दें कि प्रदेश में 292 बुनकर समितियां हैं। इनमें से 250 हाथकरघा संघ 59 प्रकार के शासकीय वस्त्र बना रहे हैं। राज्य में 651 महिला स्व-सहायता समूहों की 7812 महिलाओं को भी गणवेश सिलाई में अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। स्कूली छात्रों के गणवेश की खरीदी छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ से की जा रही है, ताकि हजारों बुनकर परिवारों को काम मिले और वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।

जल्द ही पहुंच जाएंगे यूनिफार्म

छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास विभाग के प्रबंध संचालक अब्दुल अयाज ने कहा, प्रदेश के पांच जिलों में बच्चों को दो सेट यूनिफार्म मिल चुका है। बाकी जगहों पर भी यूनिफार्म समय पर पहुंच जाए इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।

स्कूल शिक्षा के संचालक सुनील कुमार जैन ने कहा, स्कूली बच्चों को यूनिफार्म समय पर मिल जाए इसके लिए प्रयास रहता है। देरी क्यों हुई है इसकी जानकारी ले रहे हैं। जल्द पहुंच जाए इसके लिए प्रयास करेंगे।