आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के कोष में वृद्धि को मंजूरी

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की सीमा में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करके उसे 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ करने को मंजूरी दे दी है। यह अतिरिक्त राशि विशेष रूप से आतिथ्य (हास्पिटैलिटी) और उससे संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों के लिए निर्धारित की गई है।

यह वृद्धि आतिथ्य और उससे संबंधित उद्यमों में कोविड-19 महामारी की वजह से आए गंभीर व्यवधानों को ध्यान में रखकर की गई है। ईसीएलजीएस एक सतत योजना है। कुल 50,000 करोड़ रुपये की इस अतिरिक्त राशि को आतिथ्य और उससे संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों पर खर्च किया जाएगा। इस खर्च को इस योजना की वैधता की अवधि 31 मार्च 2023 के भीतर ही कार्यान्वित किया जाएगा।

ईसीएलजीएस पहले से ही जारी एक योजना है और आतिथ्य एवं उससे संबंधित क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के कारण आए व्यवधानों के कारण, सरकार ने विशेष रूप से इन क्षेत्रों से जुड़े उद्यमों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है।

इस वृद्धि के जरिए कर्ज प्रदान करने वाली संस्थाओं को इन क्षेत्रों के उद्यमों को कम लागत पर 50,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करके इन व्यावसायिक उद्यमों को अपनी संचालन संबंधी देनदारियों को चुकाने और अपने व्यवसाय को जारी रखने में सक्षम बनाने के कदम से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है।

ईसीएलजीएस के तहत दिनांक 5 अगस्त 2022 तक लगभग 3.67 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए जा चुके हैं।