कोरबा। आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में नागरिक आपूर्ति निगम(नॉन) की लापरवाही की वजह से पाली ब्लॉक के 9 ग्राम पंचायतों के तकरीबन 5 हजार हितग्राही पीडीएस दुकानों के माध्यम से रियायती दर पर दिए जाने वाला चावल की राह तक रहे। इन राशनकार्डधारी हितग्राहियों को अगस्त माह के कोटे का खाद्यान्न एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी नहीं मिला। डीडी जमा करने के बाद भी पीडीएस दुकानों में चावल भंडारण में नाकाम नागरिक आपूर्ति निगम की वजह से हितग्राहियों में आक्रोश पनप रहा। लचर व्यवस्था से परेशान खाद्य निरीक्षक ने मंगलवार को कलेक्टर को लिखित शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की गुहार लगाई है। वायरल पत्र ने नॉन के लापरवाही की पोल खोलकर महकमे में खलबली मचा दी है।
यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ शासन की पीडीएस व्यवस्था पूरे देश में नजीर बनी हुई है। केंद्र शासन सहित तमाम राज्य इसका अनुसरण कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा गारंटी (कानून ) लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में और प्रभावी तरीके से पीडीएस व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है। महज एक रुपए प्रति किलो की दर से राशनकार्डधारियों प्रति सदस्य 7 किलो चावल प्रदान करने वाला छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है। शासन की मंशा है कि राज्य के किसी भी परिवार को भूखे पेट न सोना पड़े। इसके लिए खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था जहां खाद्य विभाग के अधीन पीडीएस दुकानों को सौंपी गई है तो वहीं भण्डारण की व्यवस्था नागरिक आपूर्ति निगम को सौंपी गई है ।नागरिक आपूर्ति निगम की जिम्मेदारी प्रत्येक माह संबंधित पीडीएस दुकानों का डीडी जमा होने के उपरांत माह के पहली तारीख से पूर्व खाद्यान्न का अग्रिम भण्डारण करना रहता है। ताकि 1 तारीख से हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण किया जा सके। लेकिन इसे बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण कहें कि अगस्त माह का एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी पाली ब्लाक के 9 ग्राम पंचायतों के तकरीबन 5 हजार राशनकार्डधारी हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं मिला। इन ग्राम पंचायतों के पीडीएस दुकानों में औसतन 150 क्विंटल चावल का भंडारण किया जाता है। इस तरह देखें तो तकरीबन 1300 क्विंटल से अधिक चावल का भंडारण नॉन के पाली गोदाम के माध्यम से किया जाना था। लेकिन लापरवाही की इंतिहा पार कर चुके गोदाम प्रभारी की निष्क्रियता शासकीय कार्य दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही की वजह से 9 ग्राम पंचायतों के पीडीएस दुकानों में खाद्यान्न नहीं पहुंचा। जिसकी वजह से गरीब तबके के हितग्राहियों को महंगे दामों पर दुकानों से चावल खरीदना पड़ रहा। तो कई परिवारों को भरपेट भोजन नहीं मिल रहा। शासन की लचर व्यवस्था के प्रति हितग्राहियों के आक्रोश को देख खाद्य निरीक्षक सुरेंद्र लांझी ने मंगलवार को कलेक्टर को लिखित शिकायत कर प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। श्री लांझी ने हसदेव एक्सप्रेस को बताया कि गोदाम प्रभारी का कार्यव्यवहार अत्यंत निराशाजनक रही है ,जिसकी शिकायत डीएम नॉन से करने के बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आई। प्रकरण में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम हेलेना तिग्गा से फोन पर संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई ,कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका।
इन पीडीएस दुकानों में नहीं पहुंचा अगस्त माह का खाद्यान्न
पाली ब्लॉक के 9 ग्राम पंचायतों के पीडीएस दुकानों में 16 अगस्त की स्थिति में अगस्त माह का खाद्यान्न का भंडारण नहीं होने की जानकारी शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है। इनमें नवापारा ,मदनपुर ,चैतमा ,सपलवा,बारीउमराव ,नोनबिर्रा,बोईदा ,बम्हनीकोना एवं ईरफ शामिल है। मदनपुर ,सपलवा ,बम्हनीकोना में चावल के साथ साथ अन्य खाद्यान्न शक्कर ,नमक ,चना का भी भंडारण नहीं हुआ है।
डीएम नान की जिम्मेदारी ,कलेक्टर को अवगत करा दिए
खाद्य निरीक्षक द्वारा डीडी जमा करने के बाद भी चावल का भंडारण नहीं किया जाना निराशाजनक है। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम की है। आज हमने टीएल में कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है।
जे के सिंह, खाद्य अधिकारी कोरबा