कोरबा, 16 अगस्त । एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा जारी सूचना के अनुसार पिछले 43 वर्षों से प्रभावित भूविस्थापितों ने अब तक नौकरी नहीं दिए जाने व्यथित होकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। प्रभावित लोग आईटीआई तानसेन चौक पर बैठे हुए हैं।
भूविस्थापितों ने बताया कि एनटीपीसी कोरबा द्वारा सन् 1978-79 में विद्युत प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के समय जारी आम सूचना 4 सितम्बर 1979 के अनुसार कहा गया था कि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने सिद्धांत: यह स्वीकार किया है कि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को जिनकी भूमि परियोजना हेतु अधिग्रहित की गई है, क्रमिक रूप से शैक्षणिक एवं अन्य योग्यताओं के आधार पर रोजगार प्रदान किया जावेगा। परियोजना का निर्माण कार्य जैसे-जैसे बढ़ता जावेगा, रोजगार के अवसर भी बढ़ते जावेंंगे एवं तदनुसार लोगों को भी क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जावेगा। एक साथ सभी के लिए रोजगार मुहैया कराना असंभव है और न ही किसी परियोजना में ऐसा हुआ है।
उपरोक्त आम सूचना के आधार पर ग्राम चारपारा के भूविस्थापितों लक्ष्मण लाल कैवर्त, प्रहलाद केवट, पीकराम केवट, अर्जुन देवांगन, सुनील कुमार केवट, राजकुमार केवट, उमेंद पटेल तथा अनुप केवट द्वारा एनटीपीसी कोरबा में नौकरी के लिए विगत 43 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में भू-विस्थापितों को 15 दिवस में नौकरी देने के लिए विगत 4 जुलाई को कार्यपालक निदेशक एनटीपीसी कोरबा के नाम पत्र भेजा गया। मानव संसाधन के पूर्व प्रमुख सारंगी से मुलाकात कर चर्चा का प्रयास किया गया लेकिन मॉंगों पर चर्चा न कर अन्य विषयों पर उन्होंने बात की। एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन के द्वारा मॉंगों पर ध्यान नहीं दिया गया और ना ही किसी प्रकार की जानकारी दिए जाने से भू-विस्थापित आक्रोशित हैं।
भूविस्थापितों ने बताया कि 16 अगस्त से हड़ताल की सूचना पर एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा 8 और 10 अगस्त को नौकरी संबंधी बैठक बुलाई गई लेकिन नौकरी के विषय को छोड़कर दूसरे मांगों पर चर्चा की गई। नौकरी देने पर सहमति नहीं होने से अब भूविस्थापितों ने 16 अगस्त को दोपहर 12 बजे से तानसेन चौक पर सहपरिवार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। अब देखना है कि एनटीपीसी प्रबंधन और जिला प्रशासन इनकी नौकरी संबंधी मांग को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाता है और समस्या का किस हद तक समाधान हो पाएगा?
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