NCB के अधिकारी समीर वानखेड़े को क्लीन चिट, तथ्य न होने पर शिकायत रद्द

नई दिल्ली:  जाति जांच समिति ने NCB के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को क्लीन चिट दे दी है. आदेश में कमेटी ने कहा कि समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नही थे. यह भी साबित नहीं हुआ है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन यह साबित हो गया है कि वे महार-37 अनुसूचित जाति के थे. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके नवाब मलिक, मनोज संसारे, अशोक काम्बले और संजय कांम्बले ने जिन्होंने समीर वानखेड़े की जात प्रमाणपत्र को लेकर शिकायत की थी, उनसे कोई तथ्य नहीं मिला. इस कारण उनकी शिकायत को रद्द किया गया.

मुंबई NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र पर उठ रहे सवाल के बाद शिकायत दर्ज की गई थी. दरअसल मुंबई पुलिस के सामने दो शिकायते आई थीं. इसमें शिकायतकर्ता का कहना था कि वानखेड़े का जाति प्रमाणपत्र फर्जी है और जिसे पाने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई है, ताकि उन्हें SC वर्ग में नौकरी मिल सके. शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर समिति को वानखेड़े का बर्थ सर्टिफिकेट और निकाहनामा दिया था. उन्हीं शिकायतों को लेकर पुलिस ने SIT का गठन कर जांच आरंभ कर दी थी.

 

 

नवाब मलिक ने लगाए ये आरोप

 

दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र सरकार  में मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. मलिक ने सोशल मीडिया पर अपने ट्विटर हैंडल पर वानखोड़े के जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी को पोस्ट किया था. इसमें उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े बताया गया. उनका आरोप था ​कि वानखेड़े ने एससी श्रेणी के तहत IRS में नौकरी पाने के लिए ‘जाली’ दस्तावेजों का उपयोग किया . आईआरएस अधिकारी वानखेड़े, बीते वर्ष एनसीबी से जुड़े थे.