विदा होते सावन ने लगाई झड़ी ,सूखे के दायरे से बाहर निकला कोरबा ,3 दिन में 125 मिलीमीटर से अधिक हुई औसत वर्षा, रोपा बियासी के लिए मौसम हुआ अनुकूल

 

 

कोरबा,  12 अगस्त । विदा होते सावन की पिछले 48 घण्टे से लगी झड़ी ने पिछले एक पखवाड़े से जिले में मंडराते सूखे के खतरे को कम दिया है । पिछले 10 दिनों में जिले में 126 .4 मिलीमीटर (5 इंच ) हुई औसत वर्षा ने न केवल सूखाग्रस्त तहसील की सूची में शामिल किए गए दर्री को राहत दी है वरन सूखे की कगार पर पहुंच चुके पोंडी उपरोड़ा हरदीबाजार तहसील के किसानों की चिंता दूर कर दी है। जिले में हुई इस बारिश से किसान अब रोपा एवं बियासी का कार्य तेजी से शुरू कर सकेंगे। मौसम इसी तरह मेहरबान रहा तो कोरबा सूखे के दायरे से पूर्णतः बाहर निकल जाएगा ।

 

यहां बताना होगा कि जुलाई माहांत तक इस साल अल्पवर्षा की वजह से प्रदेश में सूखे के हालत बन आए थे । शासन ने ऐसे तहसीलों की जानकारी मंगाई थी। जिसके परिपालन में 1 अगस्त 2022 की स्थिति में 60 प्रतिशत से कम औसत वर्षा दर्ज होने वाले 9 जिलों के 28 तहसीलों की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी । इन तहसीलों को शासन ने सूखाग्रस्त घोषित कर राहत मैन्युअल 2020 के प्रावधान के अनुसार फसलों का राजस्व ,कृषि तथा उद्यानिकी से नजरी आंकलन कराए जाने का फरमान जारी किया था । साथ ही जिन तहसीलों में पूर्व में अधिक वर्षा हुई है लेकिन बाद में वर्षा नहीं होने के कारण फसल क्षति होने की संभावना है ,ऐसे तहसीलों का भी नजरी आंकलन कराया जाकर यदि सूखा घोषित किया जाना आवश्यक है ,तो नियमानुसार प्रस्ताव शासन को एक सप्ताह के भीतर भेजने के निर्देश दिए गए थे ।

इन तहसीलो में सरगुजा जिले के लुण्ड्रा, दरिमा,बतौली,अम्बिकापुर, मैनपाट व सीतापुर शामिल थे । सूरजपुर जिले से प्रतापपुर,बिहारपुर,लटोरी शामिल थे । बलरामपुर में सबसे ज्यादा तहसील प्रभावित हुए थे । यहां शंकरगढ़,रामानुजंगज,राजपुर,बलरामपुर, कुसुमी,वाड्रफ़नगर सूखा ग्रस्त थे । पूरे प्रदेश सिंचाई परियोजनाओं के लिए,सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए सबसे अधिक फंड बलरामपुर को दिए जाते हैं उसके बावजूद ऐसे हालातों ने चिंता बढ़ा दी थी ।यही हाल जशपुर का भी था । यहां भी सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए एक बड़ी राशि दिए जाने के बावजूद 6 तहसील सूखाग्रस्त थे । इनमें जशपुर ,दुलदुला ,पत्थलगांव ,सन्ना, कुनकुरी एवं कांसाबेल शामिल थे । रायपुर जिले से रायपुर ,आरंग तहसील तो कोरिया जिले से सोनहत सूखाग्रस्त थे । कोरबा जिले से दर्री तहसील ,बेमेतरा से बेरला एवं सुकमा जिले से गादीरास एवं कोंटा शामिल थे । कोरबा जिले से शामिल किए गए दर्री के अलावा ,पोंडी उपरोड़ा एवं हरदीबाजार तहसील में भी सूखे का खतरा मंडरा रहा था।लेकिन पिछले 10 दिनों में खासकर दो दिनों से विदा होते सावन की लगी झड़ी ने काफी हद तक जिले को सूखे को संकट से बाहर निकाल दिया है। पिछले दस दिनों में जिले में 126 .4 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस तरह देखें तो 5 इंच से अधिक बारिश हुई है ।

 

किसानों ने एसडीएम को सौंपा था ज्ञापन

बिगड़े हालातों के बीच पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के किसानों ने एसडीएम नंदजी पांडे को 3 जुलाई को ज्ञापन सौंप अल्पवर्षा से प्रभावित पोंडी तहसील को सूखाग्रस्त घोषित करने की गुहार लगाई थी। उस दौरान पोंडी में औसतन 31 फीसदी ही बारिश हुई थी । लेकिन मौजूदा स्थिति में पोंडी तहसील में दस वर्षों की औसत वर्षा के आधार पर 70 फीसदी औसत वर्षा हो चुकी है । सरगुजा जिले से लगे कुछ क्षेत्रों को छोंड़ दें तो पूरा तहसील सूखे के दायरे से बाहर निकल गया है ।

 

जिले में 562 .3 मिलीमीटर औसत वर्षा

जिले में 1 जून से लेकर 12 अगस्त तक सालभर के सामान्य औसत वर्षा 1319.13 मिलीमीटर में से 562.3 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। दस वर्षों के औसत वर्षा के योग को देखें तो जिले में 78.3 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी थी। कोरबा तहसील में 1 जून से आज दिनांक तक 446 .3 मिलीमीटर,करतला में 806.0 मिलीमीटर ,कटघोरा में 621 .1 मिलीमीटर ,दर्री में 534.0,पाली में 561.8 ,हरदीबाजार में 483.8,एवं पोंडी उपरोड़ा में 483 .8 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। दस वर्षों के औसत वर्षा की तुलना में कोरबा में 59 .3 मिलीमीटर ,करतला में 110.9 मिलीमीटर ,कटघोरा में 86 .0 ,दर्री में 70 .0 ,पाली में 82 .1,हरदीबाजार में 68.2 ,पोंडी उपरोड़ा में 72 .1 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है ।

मौसम अनुकूल है ,किसान बिना समय गंवाएं तत्काल रोपा ,बियासी करें

जिले में पिछले कुछ दिनों से बेहतर बारिश हुई है । जिससे फिलहाल जिला सूखे के संकट से बाहर है । रोपा एवं बियासी के लिए अनुकूल मौसम है किसान बिना समय गंवाए रोपा बियासी करें।

– अनिल शुक्ला ,उप संचालक कृषि

सूखे के दायरे से बाहर हैं अन्य तहसील

शासन ने 60 फीसदी से कम औसत वर्षा अल्पवर्षा ,अवर्षा वाले तहसीलों की जानकारी मंगाई थी। फिलहाल पूर्व में प्रेषित दर्री के अलावा सभी तहसील इसके दायरे से बाहर हैं।

– अमित झा , अधीक्षक -भू अभिलेख कोरबा

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