महिला ने बताया कि मेरे पति ब्राह्मण थे, लेकिन चूंकि मैं कच्छ समुदाय से हूं, इसलिए उन लोगों ने ऐसा किया। उसके मुताबिक गांववालों ने मदद करने के बजाए मृतक के भाइयों को सूचना देने के लिए कहा।
कहने के लिए देश और दुनिया ने बहुत ज्यादा प्रगति कर ली है। इसके बावजूद कुछ सामाजिक बुराइयां अभी तक खत्म नहीं हो पाई हैं। असम के दारंग जिले में जात-पांत के भेदभाव के चलते एक हिंदू परिवार को खासी तकलीफ का सामना करना पड़ा। आलम यह रहा कि मरने के बाद गांववालों ने परिवार सदस्य के अंतिम संस्कार तक में सहयोग नहीं किया, लिहाजा उसका दाह संस्कार करने के बजाए उसे दफनाना पड़ा। मरने वाले व्यक्ति का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने 27 साल पहले एक अन्य जाति की लड़की से शादी रचा ली थी। शुक्रवार को अफसरों ने गांव पहुंचकर उसके शव को जमीन से बाहर निकलवाया।
27 साल पहले की थी इंटरकास्ट मैरिज
मृत व्यक्ति का नाम अतुल सरमा बताया गया है। जाति से ब्राह्मण अतुल असम के दारंग जिले के मंगलदाई उपखंड के गनकसूबा गांव का रहने वाला था। 27 साल पहले उसने ओबीसी श्रेणी में आने वाले कच्छ समुदाय की प्रणीता देवी से शादी की थी। तब से ही गांववालों ने उसका बहिष्कार कर दिया था। अतुल की पत्नी प्रणीता ने बताया कि बुधवार रात को पति की मौत के बाद मैंने गांववालों को अगली सुबह इसकी जानकारी दी। लेकिन दाह संस्कार करना तो दूर कोई उनके शव को छूने के लिए भी तैयार नहीं हुआ।
महिला ने सुनाई आपबीती
महिला ने बताया कि मेरे पति ब्राह्मण थे, लेकिन चूंकि मैं कच्छ समुदाय से हूं, इसलिए उन लोगों ने ऐसा किया। उसके मुताबिक गांववालों ने मदद करने के बजाए मृतक के भाइयों को सूचना देने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों ने कहा कि मुझे अपने पति के भाइयों की मदद से अंतिम संस्कार करना चाहिए। इसके बाद मेरे पति के एक भाई आए और उन्हें ले जाकर नदी किनारे दफना दिया। प्रणीता का कहना है कि उनके पति का दाह संस्कार होना चाहिए था, लेकिन उन्हें दफनाना पड़ा। इस बात से मुझे काफी ज्यादा तकलीफ है।
गांववालों ने कर दिया था बहिष्कार
मृतक अतुल सरमा की उम्र 60 साल के करीब थी। शादी के बाद से ही उन्हें और उनके परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया था। उन्हें गांव में किसी तरह की सामाजिक या धार्मिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं थी। दारंग के डिप्टी कमिश्नर प्रणब कुमार सरमाह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन को शव को बाहर निकालने की ताकीद की गई थी। इसके बाद हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। शव बाहर निकालने की प्रक्रिया शुक्रवार दोपहर पुलिस और स्थानीय अफसरों की मौजूदगी में अंजाम दी गई। इसके बाद इसे जिला मुख्यालय मंगलदाई ले जाया गया।
बुजुर्ग को पूछताछ के लिए उठाया
पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। दारंग पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया है। दारंग के एसपी राज मोहन राय के मुताबिक हमने गनकसूबा गांव के एक बुजुर्ग जादाब सरमा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। बताया गया है कि उसने ही मृतक के परिवार को शव को दफनाने के लिए कहा था। उन्होंने बताया कि चूंकि मामले में किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन हमारी तरफ से कोई जांच नहीं की जाएगी।
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