कोरबा।सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि यातायात महासंघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरबा शहर में जल्द सिटी बसों के संचालन को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज की है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
सिन्हा ने आगे बताया कि भारत सरकार द्वारा आम जनता के यातायात सुविधा के लिए कम किराए पर आवागमन के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिटी बसों का संचालन किया जा रहा था जो पिछले 3 वर्षों से बंद है पिछले 3 वर्षों से लगातार आम जनता व सामाजिक संगठनों द्वारा जल्द से जल्द सिटी बस चलाने की मांग की जाती रही है सिटी बसों के संचालन पर यातायात महासंघ द्वारा सवाल उठाना अनुचित है क्योंकि पूर्व में भी जब सिटी बसें चल रही थी तो प्रतिदिन आरोप-प्रत्यारोप महासंघ द्वारा लगाए जा रहे थे निजी बसों के संचालन से आम जनता या अन्य संगठनों द्वारा उनके द्वारा की जा रही मनमानी का कभी भी विरोध दर्ज नहीं कराया फिर निजी बसों द्वारा आम जनता के हित में सस्ती यातायात सुविधा का बहाना बनाकर विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा से निजी बस चाहे वह प्रदेश में चले या अंतर राज्य स्तर पर चले निर्धारित किराया से अधिक किराया लिया जा रहा है,बहुत से ऐसे बसे हैं जो सड़कों पर चलने योग्य नहीं है जिसके चलते दुर्घटनाएं भी हो रही है यात्री अपनी जान गवाने के लिए मजबूर है अनगिनत ऐसे भी बसे हैं जिनके ऊपर लाखों का टैक्स बकाया है निजी बस भी अनियमितताओं की दौर से गुजर रही है लेकिन इन सबके बावजूद आम जनता या अन्य संगठनों द्वारा कभी सवाल नहीं उठाए गए हैं फिर सिटी बसों के संचालन को लेकर निजी बसों द्वारा सवाल उठाना जनता हित में नहीं है।
सिन्हा ने आगे बताया कि सिटी बसों का परमिट स्टेशन से स्टेशन तक दिया जाता है शहर से सैकड़ों यात्री अन्य प्रदेशों में यात्रा करने के लिए चांपा रेलवे स्टेशन जाते हैं निजी बसों का परमिट शत प्रतिशत कोरबा शहर से चांपा बस स्टैंड तक है रेलवे स्टेशन इक्के दुक्के बसे चलती है इस तरह से जब निजी बस से चांपा रेलवे स्टेशन तक जाने की अनुमति नहीं है तो फिर सिटी बसों को रेलवे स्टेशन चांपा जाने से क्यों विरोध हो रहा है यह विरोध व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है सिटी बसों का संचालन के पूर्व सिटी बसों का विरोध करना कहां तक उचित है कोरबा की जनता भलीभांति समय पर जवाब देगी
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