मनीष महंत,कोरबा (कुसमुण्डा) – बात करें कुसमुंडा खदान में हुए डीजल चोरी के घटनाक्रम की तो विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते मंगलवार की दोपहर कुसमुंडा खदान अंदर बरकुटा फेस में पेट्रोलिंग के दौरान त्रिपुरा रायफल्स के जवानो ने देखा की वँहा खड़े 240 टन के डम्फर से कुछ लोग डीजल टैंक से पाइप लगाकर कैंपर वाहन के डीजल टैंक में डीजल चोरी कर डाल रहे हैं, त्रिपुरा के जवानो को आते देख चोर कैंपर वाहन को चालू कर भागने लगे, भागते भागते खदान के नीचे की ओर दलदली सड़क में केंपर वाहन
फंस गया, वाहन में बैठे कुछ लोग वहां से भाग खड़े हुए, वही त्रिपुरा के जवानों ने दौड़ाकर कैंपर सवार एक लड़के को पकड़ लिया। खबर लिखे जाने तक कैंपर को दलदल से निकालने का प्रयास किया जा रहा था,
इन दिनों कुसमुंडा खदान में डीजल चोरी करने के लिए शातिर चोरों के द्वारा अन्य वाहनों के नंबरों का उपयोग किया जा रहा है, त्रिपुरा के जवानों ने जब कैंपर को पकड़ा तो उस कैंपर का नम्बर CG 12 BB 6669 था मिलान किया गया तो पता चला की कुसमुंडा खदान में ही एक निजी ठेका कंपनी की गाड़ी का यह नंबर है, उपरोक्त नंबर के गाड़ी में चढ़ने वाले अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो पता चला कि उसी नंबर एक दूसरी गाड़ी में वे अधिकारी कहीं और थे, उस गाड़ी को भी त्रिपुरा वाले सामने में लाए दोनों गाड़ियों का मिलान किया गया, चेचिस नंबर से पता चला कि डीजल चोरी करने वाली गाड़ी का नंबर कुछ और है जिसे मिटा दिया गया है और खदान अंदर चलने वाली गाड़ियों के नंबरों का उपयोग इस तरह की डीजल चोरी में कर रहे हैं।बीते एक – दो वर्षो में हुई बड़ी चोरियों को अगर छोड़ दें तो हर माह ऐसे कैंपर एवं चार पहिया बोलेरो वाहनों से हजारों लीटर डीजल की चोरीयां हो रही है, जिसके आंकड़े SECL के संबंधित विभाग के पास प्रतिदिन दर्ज होते हैं, विभागीय अधिकारी नाम नहीं बताने की शर्त पर बताते हैं कि ऐसे दर्जनों निजी ठेका कंपनी के चार पहिया वाहन है जिनके चालकों के द्वारा शिफ्ट चेंज के दौरान बड़े भारी वाहनों से डीजल की चोरी की जाती है, कई बार अधिकारियों द्वारा उन्हें रंगे हाथ पकड़ा जाता है, ऐसे वाहनों को ब्लैक लिस्ट अथवा दोबारा नहीं करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है।
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