16 अगस्त से तबादला: अधिकारियों का 15 तो कर्मचारियों का 10 प्रतिशत कोटा

रायपुर । राज्य के कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए तबादले की प्रक्रिया 16 अगस्त से फिर शुरू हो जाएगी। तबादला नीति बनाने के लिए मंत्रिपरिषद की उपसमिति ने इसकी विस्तृत सिफारिश सामान्य प्रश्ाासन विभाग को भेज दी है। इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी हो जाएगी। जिला स्तरीय तबादलों की प्रक्रिया 16 अगस्त से 15 सितंबर तक चलेगी। वहीं राज्य स्तरीय तबादलों के लिए 16 सितंबर से 30 सितंबर तक का समय निर्धारित किया जा रहा है।

निर्धारित तिथि के बाद केवल मुख्यमंत्री की समन्वय समिति से ही तबादला हो सकेगा। जिन कर्मियों की नियुक्ति विश्ोष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा स्थानीय निवासी होने के आधार पर जिला विश्ोष में किए गए हैं, उनका तबादला जिले के बाहर नहीं किया जाएगा। इस बार भी अधिकारियों के लिए 15 प्रतिश्ात और कर्मचारियों के लिए 10 प्रतिश्ात तबादले का कोटा निर्धारित किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार तबादला नीति में ही तय किया गया है कि वरिष्ठ पदों पर कनिष्ठ कर्मचारी-अधिकारी नहीं बैठाए जाएंगे।

जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अनुमति जरूरी

जिला स्तर पर तृतीय श्रेण्ाी और चतुर्थ श्रेण्ाी के कर्मचारियों का तबादला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला स्तर पर होगा, बश्ार्ते कि जिस पद पर तबादला किया जा रहा है, वह जिला संवर्ग का हो। तबादला के लिए प्रस्ताव जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही आदेश्ा निकाला जा सकेगा। तृतीय श्रेण्ाी और चतुर्थ श्रेण्ाी के कर्मचारियों का तबादला उनके संवर्ग से केवल 10 प्रतिश्ात ही हो सकेगा।

राज्य स्तर पर विभागीय मंत्रियों को रहेगा अधिकार

राज्य स्तर पर तबादला 16 से 30 सितंबर 2022 तक हो सकेगा। प्रत्येक तबादला विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर ही हो सकेगा। राज्य स्तर पर तबादला प्रथम और द्वितीय श्रेण्ाी के अधिकारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15-15 प्रतिश्ात और तृतीय श्रेण्ाी व चतुर्थ श्रेण्ाी के कर्मचारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10-10 प्रतिश्ात तक किया जा सकेगा। तृतीय और चतुर्थ श्रेण्ाी के कर्मचारियों के तबादला प्रतिश्ात की गण्ाना में जिला स्तर पर किए गए स्थानांतरण्ा की संख्या भी श्ाामिल है।

जहां अधिक संख्या में कर्मी, वहां प्रतिबंध

जिला और राज्य दोनों स्तर पर यदि तबादला अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का हो रहा हो तब गैर अनुसूचित क्षेत्र में तबादला करने का प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव अनिवार्य रूप से रखा जाना होगा। तबादला इस तरह किया जाएगा कि ग्रामीण स्तर पर पद अधिक रिक्त न हों और श्ाहरी स्तर पर पद अधिक न भर जाएं। जिन पदों और स्थानों पर पहले से ही कर्मचारी-अधिकारी की संख्या अधिक है, वहां पर तबादला नहीं किया जाएगा। ऐसे शासकीय सेवक जो कि एक ही स्थान पर 15 अगस्त 2021 अथवा उससे पहले से कार्यरत हों, केवल उन्हीं का तबादला हो सकेगा। दिव्यांग कर्मियों का तबादला ऐसी जगह किया जाएगा जहां आना-जाना सरल हो। तबादले के बाद 15 दिन के भीतर नौकरी ज्वाइन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के लिए विशेष नियम

ऐसे तबादले नहीं होंगे जिससे कोई स्कूल शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय हो जाए। ऐसे तबादले नहीं होंगे जिससे किसी स्कूल में विषय विशेषज्ञ की संख्या शून्य हो जाए। ऐसे तबादले नहीं होंगे जिससे छात्र और शिक्षक का अनुपात 40 से अधिक या 20 से कम हो जाए। अनुसूचित क्षेत्रों में एवजीदार के बाद ही तबादला किया जा सकेगा। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रतिनियुक्ति समाप्त किए बिना तबादला नहीं होगा। किसी भी संवर्ग के कर्मियों का केवल पांच प्रतिशत ही तबादला हो सकेगा। ई संवर्ग से टी और टी संवर्ग से ई में तबादला नहीं किया जाएगा।

मंत्रियों की उपसमिति ने दी सिफारिश

14 जुलाई को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति के गठन का निर्णय लिया गया था। यह उपसमिति गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें मंत्री मोहम्मद अकबर, डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डा. शिवकुमार डहरिया और अनिला भेंड़िया सदस्य हैं। समिति ने अपनी सिफारिश मुख्यमंत्री को सौंप दी है।