डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से निपटने में काम आती है गंबूसिया फिश, जानें इससे जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

मछलियां कई तरह की होती हैं, जिसमें से कुछ खाने लायक होती हैं तो वहीं कुछ एक्वेरियम में रखने के काम आती हैं। क्या आपने कभी ऐसी मछली का नाम सुना है जो डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से निपटने में काम आती है?

सेहत बनाए रखने के लिए मछली खाने की सलाह दी जाती है। कई विटामिन की ऐसी दवाएं भी हैं जिनमें फिश ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। आज हम बता रहे हैं एक ऐसी मछली के बारे में जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को खत्म कर सकती है। यह बात सुनकर आपको थोड़ी हैरानी जरूर हो सकती है पर यह बात सच है। जानिए इस मछली से जुड़ी बातें

क्या है इस मछली का नाम? 

इसे गंबूसिया और मच्छर मछली के नाम से जाना जाता है। ये बेहद छोटी सी मछली है जो एक्वैरियम में बहुत कम देखी जाती है। इस मछली की दो प्रजातियां हैं, जिसमें पश्चिमी मच्छर मछली जो बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, और पूर्वी मच्छर मछली जो कभी भी मछली की दुकानों में नहीं पाई जाती हैं। इस मछली से जुड़े कुछ फैक्ट्स भी हैं जो आपको जरूर जानने चाहिए।


गंबूसिया या मच्छर मछली से जुड़े कुछ फैक्ट्स

1) मच्छर मछली छोटी, पानी की मछली होती है जो मच्छरों के लार्वा को खाती है।

2) मच्छरों की आबादी को प्रभावी ढंग से और स्वाभाविक रूप से रोकने के लिए मछली को जानबूझकर तालाबों, फव्वारे, जानवरों के कुंड और स्विमिंग पूल में रखा जाता है।

3) इस मछली को खाना खिलाने की जरूरत नहीं होती है।

4) इन मच्छलियों की देखभाल में बगीचे के स्प्रे, क्लोरीन, या सफाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल से बचाने तक होता है।

5) मच्छर मछली अंडे नहीं देती है और प्रजनन के लिए किसी विशेष वातावरण की जरुरत नहीं होती है।

6) मॉस्किटो मैनेजमेंट सर्विसेज का लक्ष्य काउंटी के पूरे मच्छर मछली की आपूर्ति को उसके मुख्यालय में बढ़ाना है। क्योंकि खेतों से ले जाने वाली मछलियों की तुलना में घरेलू मछली के स्वस्थ होने की संभावना ज्यादा होती है।

बारिश के मौसम में जब जगह-जगह पानी भर जाता है तब डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ये बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है। एडीस मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी में पूरे शरीर में दर्द शुरू हो जाता है। बारिश के मौसम में ये मच्छर ज्यादा पनपते हैं। इनसे बचने के सबसे आसान तरीकों की बात करें तो वह है घर की साफ सफाई रखना, घर में पानी को भर के न रखना, घर के आस-पास जलभराव न होने देना और कूलर वगैराह के पानी को बदलते रहना।