छत्तीसगढ़ः सूखाग्रस्त घोषित हो सकती हैं 28 तहसीलें, 8 तहसीलों में तो गंभीर सूखे के हालात, मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से मंगाए प्रस्ताव 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की 28 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने संबंधित कलेक्टरों से औपचारिक प्रस्ताव मंगाए हैं। बताया जा रहा है कि वर्षा आंकड़ों के आधार पर जो शुरुआती आंकलन सामने आया है उसके मुताबिक आठ तहसीलों में गंभीर सूखे की स्थिति बन रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी संभायुक्तों एवं कलेक्टरों की बैठक ली। इस दौरान प्रदेश में बरसात की स्थिति की समीक्षा हुई। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को औसत से कम बारिश वाली तहसीलों का राहत मैन्युअल-2022 के प्रावधान के अनुसार फसलों का राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के माध्यम से नजरी आकलन कराने के निर्देश दिए।

बताया गया, प्रदेश के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 60% से भी कम वर्षा हुई है। इनमें से आठ तहसीलें ऐसी हैं जहां 40% से भी कम बारिश हुई है। यानी इन तहसीलों में सूखे की स्थिति गंभीर है। मुख्य सचिव ने कहा है, औसत से कम बारिश वाली 28 तहसीलों में राहत कार्य शुरू कराने के लिए तत्काल कार्ययोजना भी तैयार की जाए। उन्होंने ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने के लिए एक सप्ताह के भीतर औपचारिक प्रस्ताव भिजवाने का निर्देश दिया।

इन जिलों की तहसीलों में 60% से कम बरसात

सरगुजा – अम्बिकापुर, मैनपाट, सीतापुर।

सूरजपुर – लटोरी।

बलरामपुर – बलरामपुर, कुसमी, वाड्रफनगर।

जशपुर – दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी, कांसाबेल।

रायपुर – रायपुर, आरंग।

कोरिया – सोनहत।

कोरबा – दर्री।

बेमेतरा – बेरला।

सुकमा – गादीरास, कोण्टा।

इन तहसीलों में तो 40% पानी भी नहीं बरसा

सरगुजा – लुण्ड्रा, दरिमा, बतौली।

सूरजपुर – प्रतापपुर एवं बिहारपुर।

बलरामपुर – शंकरगढ़, रामानुजगंज और राजपुर।

विधायकों की मांग पर मुख्यमंत्री ने दिया था निर्देश

मानसून के कमजोर पड़ने तथा सरगुजा संभाग के जिलों में कम बरसात की वजह से सूखे का संकट खड़ा हो गया है। सरगुजा संभाग के कई जिलों में खरीफ की बोनी प्रभावित हुई है। दो दिन पहले विधायक बृहस्पत सिंह, यूडी. मिंज, गुलाब कमरो और चिंतामणि महाराज आदि ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की थी। सोमवार को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को जिलों में नुकसान का नजरी सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया था।

सूखाग्रस्त घोषित होने पर क्या होगा

किसी तहसील के सूखाग्रस्त घोषित होने के बाद सरकार राहत का काम शुरू करेगी। मनरेगा सहित दूसरी योजनाओं से ग्रामीणों को रोजगार देने की कोशिश होगी। वहीं फसल नुकसान का मुआवजा जारी होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमित किसानों को क्लेम की राशि भी मिलेगी। वहीं कुछ दूसरी सहुलियतें भी किसानों और स्थानीय लोगों को मिल पाएंगी। पशुओं के चारे और निस्तारी-पेयजल आदि की व्यवस्था सरकार कराएगी।

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