महिला आयोग अध्यक्ष के रूप में डॉ. किरणमयी नायक ने पूरे किए 2 साल

पूरे प्रदेश का दौरा कर की 2 हजार से ज्याद प्रकरणों की सुनवाई

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के कार्यकाल को आज, 21 जुलाई को 2 साल पूरे हो गए। इस मौके पर आयोग ने 2 साल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है, जिसमें दो साल के दौरान हुई जनसुनवाई और तमाम प्रकरणों जानकारी साझा की गई है।



इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद आयोग में काम करने का अवसर अगस्त माह के शुरूआत में मिला। पूरे 2 साल के कार्यकाल में 3 बार के लॉकडाउन में कुल साढ़े पांच माह का लॉकडाउन रहा है। पीड़ित महिलाओं के लिये टेलीफोनिक माध्यम से उनके मामलों में राहत पहुंचाई गई और अखबारों, समाचारों के माध्यम से स्वतः संज्ञान लेकर भी कई मामलों में कार्यवाही किया गया है। साथ ही विभिन्न जिलों में राज्य महिला आयोग द्वारा महिलाओं के मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पुनर्वास विषयों पर कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। महिलाओं की विधिक संरक्षण और जागरूकता के लिए बहुप्रतिक्षित ‘‘मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’’ यात्रा राज्य के सभी जिलों में भ्रमण करेगी। इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 28 जुलाई को छत्तीसगढ़ के प्रथम त्यौहार हरेली के दिन अपने निवास कार्यालय से हरी झण्डी दिखकर रवाना करेगें।

डॉ. किरणमयी नायक ने इन 2 सालों में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का सघन दौरा किया और प्रत्येक जिले में जन सुनवाई भी की। 29 जिलों में, कुल 124 जन सुनवाईयां हुई, जिसमें 2,737 प्रकरणों की सुनवाई की जा चुकी है। इनमें से कुल 846 प्रकरणों को अंतिम सुनवाई कर पूर्णतः निराकृत कर नस्तीबद्ध किया जा चुका है। कई मामलों में उभय पक्षों के बीच समझौता करवाकर आयोग द्वारा उनके सुखी गृहस्थ जीवन की पुनः शुरूआत का प्रयास किया गया। कई प्रकरणों में आयोग की ओर से दोनों पक्षों की निगरानी भी किया जा रहा है। महिला आयोग के न्याय से आमजन संतुष्ट है जुलाई 2020 से अबतक हाईकोर्ट में सिर्फ आयोग के 21 प्रकरणों को चुनौती दिया गया जिसमें 10 प्रकरण आयोग के पक्ष में फैसला आया है और 11 प्रकरण अभी लंबित है। अभी तक उच्चन्यायालय ने आयोग के खिलाफ कोई भी आदेश नही दिया है।

ज्ञात हो आयोग में अध्यक्ष डॉ. नायक के कार्यभार ग्रहण करने के समय 582 मामले पूर्व से लंबित थे। इन प्रकरणों में अध्यक्ष द्वारा तीव्र गति से नियमित एवं लगातार जन सुनवाई किये जाने से महिलाओं का विश्वास महिला आयोग के प्रति बढ़ा और न्यायालय में अपना प्रकरण ले जाने के स्थान पर, पीड़ित महिलाओं ने आयोग को ज्यादा महत्व दिया,क्योंकि यहां पर महिलाओं को किसी भी प्रकार की राशि व्यय नहीं करनी पड़ती और न ही वकील की जरूरत पड़ती है, और बिना किसी परेशानी के उनके समस्याओं का वैधानिक समाधान भी आयोग में किया जा रहा है। महिला आयोग का संभागीय कार्यालय जांजगीर चांपा एवं अंबिकापुर में भी खुल गया है।

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