धमतरी-शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा के मुख्य आरोपित पूर्व जनपद पंचायत सीईओ गिरफ्तार

धमतरी, 21 जुलाई ।शिक्षाकर्मी भर्ती 2007 मगरलोड फर्जीवाड़ा के मुख्य आरोपित पूर्व जनपद पंचायत सीईओ को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रिपोर्ट होने के 10 साल नौ माह बाद यह कार्रवाई हुई। इसकी रिपोर्ट होने के बाद कई शिक्षाकर्मियों ने नौकरी ही छोड़ दी। मुख्य आरोपित पर कार्रवाई होने के बाद चयन समिति के पदाधिकारियों का मोबाइल बंद हो गया है और रात से ही सभी लोग फरार हो चुके हैं। वहीं फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारो नौकरी कर रहे 45 शिक्षकों की धड़कने अब तेज हो गई है। पुलिस जल्द ही इन आरोपितों को भी गिरफ्तार करेंगे।

एसडीओपी कुरूद अभिषेक केशरी ने बताया कि वर्ष 2007 शिक्षाकर्मी भर्ती मगरलोड में हुए फर्जीवाडा के मुख्य आरोपित पूर्व जनपद पंचायत सीईओ कमलाकांत तिवारी को 19 जुलाई को भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया गया है। 20 जुलाई को आरोपित को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। आरोपित वर्तमान में दुर्ग जिला पंचायत में परियोजना अधिकारी के पद पर पदस्थ है। फर्जीवाड़ा में चयन समिति, छानबीन समिति के सदस्यों सहित कुल 94 शिक्षाकर्मियों का नाम दर्ज है।

प्रार्थी आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू द्वारा 27 सितंबर 2011 की शिकायत व अपराध क्रमांक 124 पर कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में अन्य आरोपितों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। कागजी दस्तावेज में पड़ताल के चलते कार्रवाई करने में लेटलतीफी हुई है। कागजी दस्तावेज अब पूरी हो गई है। इस मामले के सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि इस मामले के अन्य आराेपेित पूर्व जनपद पंचायत मगरलोड अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत तीन सभापति के मोबाइल बंद है और गिरफ्तारी के डर से रात से ही फरार हो गए है। वहीं इस मामले के दो अन्य आरोपितों की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे 45 शिक्षाकर्मियों की धड़कने तेज हो गई है, क्योंकि उसके नाम आरोपितों में शामिल है। पुलिस जल्द ही इन आरोपितों को ढूंढ-ढूंककर कार्रवाई करेंगे। अपराध पंजीबद्ध होने के बाद इस मामले में अब तक 19 शिक्षाकर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है। वहीं दर्जनों शिक्षाकर्मी अपना इस्तीफा दे चुके हैं। यह कार्रवाई एफआईआर दर्ज करने के 10 वर्ष नौ माह बाद हुई है। जबकि सीआईडी पुलिस रायपुर ने विवेचना पश्चात संपूर्ण जांच डायरी अग्रिम कार्रवाई के लिए धमतरी जिला पुलिस को भेज दिया था।

150 पदों के विरूद्ध 172 पर की गई थी भर्ती

शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने बताया आरोप लगाते हुए बताया कि जनपद पंचायत मगरलोड में वर्ष 2007 शिक्षाकर्मी भर्ती वर्ग तीन में 150 शिक्षाकर्मियों की भर्ती के विरुद्ध फर्जी तरीके से चयन समिति और छानबीन समिति ने 172 पदों पर भर्ती की गई थी। सूचना के अधिकार के तहत शिक्षाकर्मी भर्ती से संबंधित दस्तावेज की मांग 2008 में की गई थी। काफी घूमाने के बाद सूचना के अधिकार के तहत जुलाई 2011 में दस्तावेज मिलने के बाद कृष्ण कुमार साहू ने शिक्षाकर्मी भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत मगरलोड थाना में करने के साथ पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर धमतरी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के लिए प्रेषित किया गया था।

अभी भी कूट रचित व अमान्य, फर्जी या बिना दस्तावेज के लगभग 45 शिक्षाकर्मी पदोन्नत होकर संविलियन पश्चात सेवा में कार्यरत हैं। अन्य जिले के अभ्यर्थियों को बनावटी मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर नियम विरुद्ध उनके गृह जिला में स्थानांतरित कर दिया गया है।

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