Rajeev Shukla to STEP DOWN: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) अब जल्द ही अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। शुक्ला संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए हैं। उन्होंने अपने छह साल के कार्यकाल की शुरुआत करते हुए सोमवार को ही शपथ ली। बीसीसीआई के अनुसमर्थित संविधान (ratified constitution) के अनुसार, कोई भी लोक सेवक एक साथ दो पद पर नहीं रह सकता है। गुरुवार को होने वाली बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में इसकी घोषणा होने की संभावना है।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने इनसाइडस्पोर्ट से कहा, ‘संविधान के अनुसार, शुक्ला जी को पद छोड़ना होगा। हमें इस पर चर्चा करने का मौका नहीं मिला क्योंकि ज्यादातर पदाधिकारी इंग्लैंड में थे। शुक्ला जी भी अपनी राज्यसभा की प्रतिबद्धताओं में व्यस्त थे। हमें शीर्ष परिषद की बैठक में इस पर चर्चा करने का मौका मिलेगा। लेकिन यह नहीं कह सकते कि वह कब घोषणा करेंगे।’
BCCI का संविधान क्या कहता है?
नियम 7.2 के अनुसार, ‘अध्यक्ष के अनुपलब्ध होने पर उपाध्यक्ष ही अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्य करेगा। उपाध्यक्ष ऐसे कार्यों और कर्तव्यों का पालन करेगा जो उसे सामान्य निकाय या सर्वोच्च परिषद द्वारा सशक्त किए जा सकते हैं।’
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष को बीसीसीआई के पदाधिकारियों के रूप में नामित किया गया है। संविधान किसी भी पदाधिकारी को BCCI अधिकारी के रूप में बने रहने से रोकता है यदि वे लोक सेवक के रूप में कोई भूमिका निभाते हैं। यह विशेष रूप से राजनेताओं को बीसीसीआई में पद ग्रहण करने से रोकने के लिए बनाया गया था।
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