बिलासपुर, 19 जुलाई। योग एक ऐसा माध्यम है, इसे अपनाने से विद्यार्थी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। योग करने से व्यक्तित्व का विकास होता है। मन तनाव मुक्त रहता है। सेहत स्वस्थ रहता है। खासकर विद्यार्थियों को रोजाना योग करना चाहिए। इससे पढ़ाई में भी मन लगेगा, जो भी प्रश्नों के उत्तर याद करेंगे, वह हमेशा दिमाक में रहेगा। जिस तरह से शरीर को भोजन की अवश्यकता होती है। उसी तरह योग को आवश्यक बनाना चाहिए। इससे फायदा ही होगा। योग से नुकसान होने वाला कोई सवाल ही नहीं है। बिलासपुर रेंज के आइजी रतन लाल डांगी ने अटल विश्वविद्यालय में मासिक योग कार्यक्रम के समापन समारोह में ये बातें कही।
अटल विश्वद्यिालय के योग विज्ञान विभाग अंतर व विश्वविद्यालय योग विज्ञान केंद्र बेंगलुरु और राष्ट्रीय सेवा योजना मासिक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईजी रतनलाल डांगी थे। अध्यक्षता कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने किया। विभागाध्यक्ष गौरव साहू ने स्वागत भाषण दिया। सहायक प्राध्यापक सौमित्र तिवारी ने विश्वविद्यालय में योग विभाग की स्थापना से लेकर अभी तक के प्रगति के बारे में जानकारी दी। हामिद अब्दुल्ला ने कहा कि योग करने से जीवन शैली से होने वाले तनाव को दूर किया जा सकता है।
साथ ही रोगों से मुक्ति दिलाता है। मुख्य अतिथि आईजी डांगी ने कहा कि योग मानव को प्रकृति से जोड़ने का कार्य करती हैं। विद्यार्थी योग के माध्यम से अपने व्यक्तित्व के विकास के साथ-साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। कुलपति आचार्य वाजपेयी ने कहा कि योग योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने और कार्य में श्रेष्ठता लाने में योगदान देता है। एनएसएस के समन्वयक डा. मनोज सिन्हा अतिथि के हाथों हर घर तिरंगा कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। प्रतियोगिता में जीतने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कुलसचिव डा. सुधीर शर्मा ने कहा कि योग को सभी लोग अपने जीवन में शामिल करें। संचालन सत्यम तिवारी व मोनिका पाठक ने किया। उपकुलसचिव शैलेंद्र दुबे, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, डा. पूजा पांडेय, डा. सीमा बेरोलकर, प्रताप पांडेय समेत भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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