21वीं सदी में भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी के भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण है। श्री मोदी ने आज नई दिल्ली में नौ सेना नवाचार और स्वेदशीकरण संगठन संगोष्ठी स्वावलंबन को संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन संगोष्ठी का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारतीय नौसेना को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 75 स्वदेशी प्रौद्योगिकियां बनाना पहला कदम है और इसमें लगातार वृद्धि होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ईशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी भारत की होवित्जर और मशीनगनों को सबसे अच्छा माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में बहुत बड़ा निर्यातक हुआ करता था लेकिन, बाद में यह दुनिया का सबसे बड़ा आयातक बन गया। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के समय भी रक्षा क्षेत्र बहुत मजबूत हुआ करता था।  उस समय देश में 18 आयुध कारखाने थे। उन्होंने कहा कि भारत द्वितीय विश्व युद्ध के समय रक्षा उपकरणों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता था।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने न केवल रक्षा बजट में वृद्धि की है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि यह बजट देश में ही रक्षा विनिर्माण व्यवस्था के विकास में उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए निर्धारित बजट का एक बड़ा हिस्सा भारतीय कंपनियों से खरीद में खर्च किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से कुछ देशों ने बड़े हथियार निर्यातकों के रूप में उभरने के लिए विश्व युद्ध की चुनौती का फायदा उठाया था, उसी तरह से भारत ने भी कोविड महामारी के दौरान आपदा को अवसर में बदल कर अर्थव्यवस्था, विनिर्माण और विज्ञान में प्रगति की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे अब व्यापक हो गए हैं और युद्ध के तरीके भी बदल रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि युद्ध का केंद्र अंतरिक्ष, साइबर स्पेस, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने ऐसे में भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए आगे बढ़ने और उसके अनुसार बदलाव की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि भारत के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को चुनौती देने वाली ताकतों के विरूद्ध युद्ध तेज किया जाना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर खुद को स्थापित कर रहा है, ऐसे में गलत सूचना, दुष्प्रचार और झूठे प्रचार के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्प्रिंट चुनौतियों का अनावरण किया। इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है। आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में, एन.आई.आई.ओ ने रक्षा नवाचार संगठन के साथ मिलकर भारतीय नौसेना में कम से कम 75 नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इस सहयोगी परियोजना का नाम स्प्रिंट रखा गया है।