भोपाल। विश्व संघ शिक्षा वर्ग का उद्घाटन, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले रहे उपस्थित 21 दिवसीय वर्ग में 13 देश के 53 कार्यकर्ता ले रहे हैं हिस्सा, 6 अगस्त को समापन समारोह में शामिल होंगे संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत दुनिया के विविध संगठनों में कार्यरत प्रवासी भारतीय कार्यकर्ताओं का 21 दिवसीय निवासी प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार 17 जुलाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के करकमलों से दीप प्रज्वलन के साथ प्रारम्भ हुआ। ‘श्री विश्व निकेतन’ के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम भोपाल के कोकता स्थित बंसल इंस्टिट्यूट में 7 अगस्त तक चलेगा। इस वर्ग को भोपाल स्थित उत्तमचंद इसरानी न्यास का सहयोग प्राप्त हुआ है।
उद्घाटन समारोह में सरकार्यवाह श्री होसबले जी ने अपने उद्बोधन में विभिन्न देशों से आये कार्यकर्ताओं का स्वागत तथा अभिनन्दन किया। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को वर्ग के प्रशिक्षण में मनोयोग से भाग लेकर विविध विषयों में निपुणता प्राप्त करने का आवाहन किया। ऐसे वर्गों के लम्बे इतिहास का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक दूसरे के साथ रहने का, समझने का, सामूहिक सोच निर्माण करने का एक प्रयास है। उन्होंने ऐसे प्रशिक्षण वर्ग को भगवद्गीता का संक्षिप्त रूप मानकर मनोयोग से उसका मर्म ग्रहण करने आवाहन किया। इस कार्यक्रम में संघ के मध्य भारत प्रान्त के संघचालक श्री अशोक जी पांडे, भोपाल विभाग संघचालक डॉ. राजेश सेठी, वर्ग के सर्वाधिकारी मुंबई के डॉ. सतीश मोड़, विश्व विभाग संयोजक सौमित्र जी गोखले और क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते आदि की उपस्थिति रही।
वर्ग का समापन समारोह 6 अगस्त को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत की उपस्थिति में संपन्न होगा।
हिन्दू स्वयंसेवक संघ, सेवा इंटरनेशनल, फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दू युवा जैसे विविध देशों में हिन्दू संस्कृति संवर्धन के कार्यों से जुड़े, 13 देशों के 53 कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे हैं। इनमे कनाडा, यूएसए, यूके और थाईलैंड जैसे देशों से आये हुए कार्यकर्ता सम्मिलित हैं। इस शिविर में कार्यकर्ता योग और भारतीय खेल आदि का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। भारत के गौरवशाली इतिहास, भारतीय दर्शन का परिचय, विदेश में रहते समय नयी पीढ़ी के सामने आव्हान आदि विषयों पर चर्चा और मध्य प्रदेश का सांस्कृतिक परिचय आदि कार्यक्रमों की योजना है। वर्ग में सांस्कृतिक प्रदर्शनी, ग्रामदर्शन, मातृ हस्ते भोजन जैसे विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
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